Gorakhpur News: नवरात्रि की नवमी को CM योगी ने पखारे कन्याओं के पांव, बोले- किसी से भी कम नहीं बेटियां

सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर के न्यू हॉल में नौ कन्याओं के पांव पखारे. इसके बाद उन्हें चंदन के टीके लगाएं. 111 कन्याओं और 111 बटुकों को भोज कराया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2021 1:09 PM

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवरात्रि की नौवीं तिथि को गुरुवार को कन्याओं का पूजन करके उनसे आशीर्वाद लिया. सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर के न्यू हॉल में नौ कन्याओं के पांव पखारे. इसके बाद उन्हें चंदन के टीके लगाएं. 111 कन्याओं और 111 बटुकों को भोज कराया.

शक्ति की देवी के पूजन का मतलब नवरात्रि: सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि शारदीय नवरात्रि की नवमी है. आदिकाल से साल में दो बार नवरात्रि का आयोजन शक्ति की देवी के पूजन के रूप में किया जाता है. हर साल दो बार यह अवसर आता है जब हम अपने समाज को सभ्यता-संस्कृति का अहसास कराते हैं. हम यह बताते हैं कि समाज और भारतीय संस्कृति में हमारी क्या भूमिका है. गोरक्षपीठ की परंपरा में कुमारी कन्याओं के पूजन का अवसर प्राप्त हुआ है. आज सैकड़ों की संख्या में देवी स्वरूप कन्याओं के पूजन का अवसर मिला.

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सीएम योगी ने कहा कि हमें अपने त्योहारों के महत्व को समझना होगा. बालिकाएं किसी से कम नहीं हैं. मातृ शक्ति और बेटियों के साथ जो घटनाएं होती हैं, उसे रोकने में कन्या पूजन कारगर होगा. हमें महिलाओं के प्रति नजरिए को बदलना होगा. बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन को भी आगे बढ़ाना होगा. इसको लेकर सरकार काफी चौकस है, जो बेटी को बचाने और पढ़ाने आगे आई है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लोगों को बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजयादशमी की बधाई भी दी है.

विजयादशमी पर दंडाधिकारी बनेंगे सीएम योगी

विजयादशमी की सुबह 9 बजे श्रीनाथजी का पूजन गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ करेंगे. उसके बाद सभी देव विग्रह और समाधि पर पूजन होगा. दोपहर में 1 से 3 बजे तक तिलकोत्सव का कार्यक्रम चलेगा. उसके बाद 4 बजे से सीएम योगी रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर में देव विग्रहों का पूजन-अभिषेक करेंगे. वहीं, मानसरोवर रामलीला मैदान में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का राजतिलक भी किया जाएगा. इसके बाद राघव-शक्ति मिलन की परंपरा का निर्वहन होगा. गोरक्षपीठाधीश्वर विजयादशमी के दिन साधु-संतों के आपसी विवादों के समाधान के लिए दंडाधिकारी की भी भूमिका में होंगे.

(इनपुट: अभिषेक पांडेय, गोरखपुर)

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