Gorakhpur News: खुशखबरी, गोरखपुर को जल्द मिलेगी वेटनरी मेडिकल कॉलेज की सौगात, किसानों को होंगे लाभ
Gorakhpur News: गोरखपुर में दशहरे तक रखी जा सकती है वेटनरी कॉलेज की आधारशिला. वेटनरी कॉलेज के लिए खाद कारखाने के पास भूमि चिन्हित करने के बाद इसके निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी जोर शोर से हो रही है.
Gorakhpur News: गोरखपुर में दशहरे तक रखी जा सकती है वेटनरी कॉलेज की आधारशिला. वेटनरी कॉलेज के लिए खाद कारखाने के पास भूमि चिन्हित करने के बाद इसके निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी जोर शोर से हो रही है. फर्टिलाइजर कैंपस में लगभग 48 एकड़ जमीन वेटनरी मेडिकल कॉलेज के लिए देखी गई है. इस कॉलेज की आधारशिला दशहरे तक रख दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वेटनरी कॉलेज को लेकर काफी गंभीर है 4 साल पहले ही उन्होंने योजना की स्वीकृति के साथ 40 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी कर दिया था.
वेटनरी मेडिकल कॉलेज के बनने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के पशुपालकों, किसानों, खेतिहर मजदूरों की आजीविका बेहतर होगी साथ ही पशुपालन आधारित व्यापार को बढ़ाने के लिए किसानों को नई तकनीकों की जानकारी आसानी से मुहैया होगी. लोक निर्माण विभाग की तरफ से इसके निर्माण के लिए बनाई गई 425 करोड़ रुपए की प्राथमिक डीपीआर को वित्तीय समिति की मंजूरी भी मिल चुकी है. गोरखपुर के वेटनरी मेडिकल कॉलेज में शुरू के वर्षों में 100 सीट के साथ अंडर ग्रैजुएट कोर्स शुरू किया जाएगा बाद के वर्षों में यहां पोस्ट ग्रेजुएट वह डॉक्टरेट के कोर्स भी चलेंगे. इस कॉलेज को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय विश्वविद्यालय और गौ अनुसंधान केंद्र मथुरा से संबद्ध किया जाएगा.
यहां पर आने वाले समय में फिशरीज ,फॉरेस्ट्री एवं डेयरी के कोर्स भी चलाए जाएंगे. वेटनरी मेडिकल कॉलेज का स्वरूप ऐसा रखा जाएगा कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय का भी रूप ले सके .गोरखपुर का वेटरनरी मेडिकल कॉलेज स्टेट ऑफ आर्ट की तर्ज पर निर्मित होगा. चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाने के लिए जल्द ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय महाविद्यालय ,गौ अनुसंधान केंद्र मथुरा के कुलपति का दौरा होगा.
इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को न केवल इस सेक्टर की नई प्रविधियो का लाभ मिलेगा बल्कि पशुओं को बीमारी से बचाने में भी काफी मदद मिलेगी. जानवरों से मनुष्य एवं मनुष्य से जानवरों में फैलने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज एनआईबी और पशु चिकित्सालय, महाविद्यालय मिलकर काम करेंगे ताकि इस क्षेत्र में जूनोटिक बीमारियों के प्रभाव को कम किया जा सके.
रिपोर्टर – कुमार प्रदीप