Gorakhpur News: लखनऊ जू से सात साल की सफेद बाघिन गीता को सोमवार देर रात गोरखपुर चिड़ियाघर में लाया गया. एक सप्ताह पहले सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गीता को शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान गोरखपुर लाए जाने की अनुमति दी थी. गीता को गोरखपुर चिड़ियाघर के अस्पताल में रखा गया है. कोरेंटीन अवधि पूरी होने के बाद गोरखपुर के लोग गीता को देख सकेंगे.
गोरखपुर चिड़ियाघर में लखनऊ की सफेद बाघिन गीता का पहला दिन सुकून भरा रहा, लेकिन गर्मी के चलते गीता को रात टहल कर बिताना पड़ा. चिड़ियाघर प्रशासन गर्मी से बचाने के लिए छत को फुस से ढकवा दिया, जिससे धूप की गर्मी का असर अंदर कम हो. एक कर्मचारी की ड्यूटी चिड़ियाघर प्रशासन ने उसको पानी से ठंडा करने के लिए लगा दी. जिससे बाघिन गीता को थोड़ा आराम मिला. रात में चिड़ियाघर प्रशासन ने गीता को जू के अस्पताल में पहुंचाया गया.
वन मंत्री डॉ अरुण सक्सेना ने मंत्रिमंडल गठन कि 100 दिन के भीतर चिड़ियाघर को सफेद भाग देने की घोषणा की थी और उन्होंने यह वादा निभा दिया. बताते चलें सोमवार की रात लखनऊ की सफेद बाघिन गीता गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंच गई. फिलहाल अभी उसे चिड़ियाघर के अस्पताल में कोरेंटीन के लिए रखा गया है. यह अवधि पूरा होने पर फिर उसे चिड़िया घर के वातावरण में ढल जाने के लिए रखा जाएगा. उसके बाद उसे बाघों के बाड़े में छोड़ दिया जाएगा. जहां जनता उसे देख सकेगी. गीता के चिड़िया घर आने से अब गोरखपुर जू में तीन बाघ हो गए हैं.
गीता को रात में खाने में मटन और शाम को खाने में चिकन दिया गया. लखनऊ से गोरखपुर की यात्रा से गीता को हुए तनाव को कम करने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने उसे पानी में दवा मिला कर दिया जिसे गीता ने आसानी से पी भी लिया. चिड़ियाघर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने गीता को ब्यूटी ऑफ जु की संज्ञा दी है. उन्होंने बताया कि गीता सफेद शरीर के साथ उसकी आंखें नीली विशेष आकर्षण का केंद्र है. उन्होंने कहा कि गीता चिड़ियाघर की सबसे सुंदर वन्य जीव है. फिलहाल अभी गीता को कोरेंटीन अवधि में रखा गया है. अवधि पूरी होने के बाद उसे उसके बाड़े में छोड़ दिया जाएगा.
रिपोर्टर – प्रदीप कुमार