Govardhan Puja Aarti: गोवर्धन पूजा आज, धन वृद्धि और सुख समृद्धि के लिए जरूर पढ़ें ये आरती

Govardhan Puja Aarti: कार्तिक मास की प्रतिपदा को मनाया जाने वाले पर्व गोवर्धन पूजा का सीधा संबंध प्रकृति और मनुष्य से है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है.

By Radheshyam Kushwaha | November 14, 2023 10:19 AM
an image

Govardhan Maharaj Ki Aarti: आज गोवर्धन पूजा है. देश भी में आज धूमधाम से गोवर्धन पूजा की जा रही है. कार्तिक मास की प्रतिपदा को मनाया जाने वाले पर्व गोवर्धन पूजा का सीधा संबंध प्रकृति और मनुष्य से है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत का पूजन करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं. इस दिन पूजा करने से घर में धन की वृद्धि होती है. ऐसे में पूजा के समय गोवर्धन महाराज की आरती जरूरी करनी चाहिए. गोवर्धन महाराज की आरती इस प्रकार है…

गोवर्धन महाराज की आरती (Govardhan Maharaj Ki Aarti)

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे चढ़े ( जय हो )

तोपे चढ़े ( जय हो )

तोपे चढ़े दूध की धार, हो धार,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

तेरे कानन कुंडल साज रहे,

तेरे कानन कुंडल साज रहे,

ठोड़ी पे ( जय हो )

ठोड़ी पे ( जय हो )

ठोड़ी पे हीरा लाल, हो लाल,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

तेरे गले में कंठा सोने को,

तेरे गले में कंठा सोने को,

तेरी झांकी ( जय हो )

तेरी झांकी ( जय हो )

तेरी झांकी बनी विशाल, हो विशाल,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

तेरी सात कोस की परिक्रमा,

तेरी सात कोस की परिक्रमा,

और चकले ( जय हो )

और चकले ( जय हो )

और चकलेश्वर विश्राम, विश्राम,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो,

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

श्री गोवर्धन महाराज, महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो ।

Exit mobile version