Govardhan Puja Shubh Muhurat: गोवर्धन पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस पर्व का महत्व
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत आज 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है. आइए जानते है गोवर्धन पूजा के लिए शुभ समय और पूजा विधि
Govardhan Puja 2023: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत आज 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा आज 14 नवंबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी.
Govardhan Puja 2023: कब है गोवर्धन पूजा 2023?
गोवर्धन पूजा आज नहीं कल होगी. क्योंकि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है, इस तिथि का समापन अगले दिन 14 नवंबर, दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए गोवर्धन पूजा 14 नवंबर दिन मंगलवार यानी कल मनाई जाएगी.
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा 2023 का शुभ मुहूर्त और योग
गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक है, इसके साथ ही इस बार गोवर्धन पूजा के दिन शुभ योग बन रहे हैं. गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है. उसके बाद से अतिगंड योग शुरू हो जाएगा. अतिगंड योग शुभ नहीं होता है. हालांकि शोभन योग को एक शुभ योग माना जाता है, इसके अलावा गोवर्धन पूजा के दिन सुबह से ही अनुराधा नक्षत्र होगी.
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Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा विधि
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गोवर्धन पूजा के दिन सुबह स्नानादि करें.
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फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं.
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इसके साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं.
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फिर धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें.
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भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें.
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इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं.
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह पूजा भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई हैं. उन्ही के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी. श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु पक्षियों की रक्षा की थी. यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है, इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है.
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन की पूजा क्यों की जाती है?
भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को जब इंद्रदेव की पूजा की जगह गोवर्धन और गायों की पूजा करने की सलाह दी थी तब इंद्र के प्रकोप से ही बचाने के लिए उन्होंने सात दिन तक गोवर्धन पर्वत अपनी उंगली पर उठाकर लोगों क रक्षा कि जिसके बाद से यह पूजा की जाती है.
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा से क्या लाभ है?
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से पूजा करने वाले व्यक्ति को इच्छानुसार फल भी मिलता है, जो व्यक्ति गोवर्धन पूजा करता है उसके धन और समृद्धि का लाभ होता है और परिवार में खुशहाली रहती है, इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग को अर्पित करते हैं.
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा पर हमें क्या करना चाहिए?
गोवर्धन पूजा के दिन भक्त गाय के गोबर की एक पहाड़ी तैयार करते हैं, जो गोवर्धन पर्वत का प्रतिनिधित्व करती है. वे पहाड़ों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं. वे अपने परिवार को किसी भी प्रकार के बुरे कर्मों से बचाने के लिए भगवान गोवर्धन से प्रार्थना करते हैं. गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अंतर्गत एक नगर पंचायत है. गोवर्धन व इसके आसपास के क्षेत्र को ब्रज भूमि भी कहा जाता है. यह भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है.