पानागढ़ (मुकेश तिवारी): पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की वजह से 15 जुलाई तक बढ़ाये गये लॉकडाउन के बीच 1 जुलाई (गुरुवार) से बसें सड़कों पर दौड़ने लगीं. बसों को चलाने की घोषणा के साथ-साथ और भी कई रियायतें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों घोषित की थी.
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद एक जुलाई से बीरभूम में सरकारी बसें तो दौड़ने लगीं, लेकिन प्राइवेट बसें अब भी स्टैंड से बाहर नहीं निकली हैं. 50 फीसदी यात्रियों के साथ स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए बसों को चलाने की इजाजत बंगाल सरकार ने दी है.
बावजूद इसके जुलाई के पहले दिन ज्यादातर जिलों में निजी बसें सड़कों पर नहीं उतरीं. बस मालिकों के संगठनों का दावा है कि जिस तरह से डीजल और एक्सेसरीज के दाम बढ़े हैं, उससे मौजूदा किराये पर बस चलाना संभव नहीं है.
Also Read: West Bengal Unlock: बंगाल में 15 जुलाई तक बढ़ी पाबंदियां, 1 जुलाई से चलने लगेंगी बसें, बाजार भी खुलेंगे, लोकल ट्रेन-मेट्रो नहीं चलेंगीकहा कि यदि किराया नहीं बढ़ाया गया, तो बस को किसी भी तरह से सड़क पर नहीं दौड़ाया जा सकता है. हालांकि, बीरभूम बस मालिक संघ के सदस्य आपस में बैठकें कर रहे हैं कि बस सेवा कैसे शुरू की जाये. बीरभूम बस मालिक संघ के सदस्यों ने मांग की कि किराया बढ़ाया जाये या बस सेवा शुरू करने के लिए कोई सरकारी मदद दी जाए.
उधर, बस सेवा बहाल होने के पहले दिन निजी बसों के नहीं चलने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनका दावा है कि निजी बसें अक्सर चलती हैं. किराया काफी कम है. लेकिन, हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह बस सेवा शुरू नहीं हुई है.
Also Read: Indian Railways, Indian Railway Service, Indian Railway News : लोकल ट्रेन और मेट्रो चलने पर राज्य को आपत्ति नहीं, बंगाल में 20 सितंबर तक बढ़ा लॉकडाउननिजी बसें भले नहीं चलीं, कुछ सरकारी बसें सिउड़ी बस स्टैंड से रवाना हुईं. इन बसों में यात्री काफी कम थे. पता चला है कि गुरुवार सुबह कुल 8 बसें रवाना हुईं. ये बसें सिउड़ी सरकारी बस स्टैंड से कोलकाता, बालूरघाट, मालदा, सिलीगुड़ी के लिए रवाना हुईं.
Posted By: Mithilesh Jha