कोलकाता. सरकारी कर्मचारियों के संगठन ‘संग्रामी संयुक्त मंच’ की ओर से राज्य में सोमवार व मंगलवार को पेनडाउन/काम बंद करने का आह्वान किया गया है. बकाया डीए तथा शून्य पदों पर नियुक्ति की मांग पर यह आंदोलन किया जा रहा है. इसके तहत राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों से दो दिनों तक काम नहीं करने का आग्रह किया गया है. मंच के नेता किंकर अधिकारी ने दावा किया कि राज्यभर में इसका असर देखने को मिलेगा. सरकारी कर्मचारी काम नहीं करेंगे.
कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने सामूहिक छुट्टी ली है. अस्पतालों में भी आपात परिसेवा को छोड़कर दूसरे काम नहीं होंगे. आह्वान के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि शिक्षण संस्थान समेत सभी सरकारी संस्थान खुले रहेंगे. कोई कर्मचारी अगर गैरहाजिर रहता है तो उसे उसका ‘ब्रेक इन सर्विस’ माना जायेगा. यह केवल तभी नहीं होगा अगर कर्मचारी अस्पताल में भर्ती होता है, परिवार में शोक होता है, कोई गंभीर बीमारी होती है या 17 फरवरी के पहले से उसकी छुट्टी जारी है.
कर्मचारी जो चाइल्ड केयर लीव, मातृकालीन छुट्टी, मेडिकल लीव या अर्न्ड लीव पर हैं और उनकी छुट्टी 17 फरवरी के पहले से मंजूर की गयी है, उन्हें भी छूट मिलेगी. अन्य जो कर्मचारी नहीं आते हैं तो उन्हें कार्यालय प्रमुख या नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा शोकॉज किया जायेगा. ब्रेक इन सर्विस के अलावा उन्हें गैरहाजिरी के दिनों का वेतन भी नहीं मिलेगा. जो शोकॉज का जवाब नहीं देंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
शनिवार को जारी सरकार के इस नोटिस के बाद मंच ने भी पीछे नहीं हटने का एलान कर दिया है. किंकर अधिकारी ने कहा कि इस नोटिस के जवाब में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को उनकी ओर से भी कानूनी नोटिस दिया गया है. इस कानूनी नोटिस में सरकार को उसकी अधिसूचना वापस लेने के लिए कहा गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई होती है तो मंच की ओर से कानूनी कार्रवाई की जायेगी.