11 व 26 जून को बंगाल में हाई-टाइड की आशंका से सहमी सरकार, ममता ने दिये ये निर्देश

यश चक्रवात की तबाही से पश्चिम बंगाल अभी उबर भी नहीं पाया था कि नयी आपदा दस्तक देने के लिए तैयार है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2021 6:47 PM

कोलकाताः यश चक्रवात की तबाही से पश्चिम बंगाल अभी उबर भी नहीं पाया था कि एक नयी आपदा दस्तक देने के लिए तैयार है. इससे निबटने की तैयारी भी शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 व 26 जून को आने वाले हाई-टाइड (ज्वार-भाटा) को लेकर सतर्क रहने व इससे निबटने की तैयारियां करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये हैं.

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 11 और 26 जून को आने वाले ज्वार-भाटा से भारी नुकसान हो सकता है. दरअसल, राज्य में पिछले महीने आये यश चक्रवात के कारण बड़ी संख्या में तटबंध टूट गये हैं. ऐसे में समुद्र में ज्वार-भाटा से निचले इलाके में पानी घुसने से बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है.

बंगाल में आमतौर पर हर साल कोई न कोई चक्रवात आता ही है. लगभग एक दशक पहले आये आईला चक्रवात से राज्य को काफी नुकसान हुआ था. इसके बाद राज्य सरकार ने तटबंधों की मरम्मत भी की थी. लेकिन, पिछले तीन वर्ष में फैनी, बुलबुल, अम्फान और इस वर्ष यश चक्रवात से राज्य के तटबंध बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं.

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राज्य में करीब 317 जगहों पर तटबंध व बांध टूटे हैं, जिससे समुद्र व नदियों का पानी गांवों में प्रवेश कर गया है. मुख्यमंत्री ने तटबंध टूटने की समस्या का स्थायी समाधान करने का फैसला किया है. इसका समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 सदस्यीय एक कमेटी बना दी है.

आपदा से निबटने के लिए मास्टर प्लान पर ममता का जोर

राज्य सचिवालय के पास नबान्न सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कमेटी गठित करने के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने बताया कि कल्याण रुद्र को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है. श्री रुद्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष हैं.

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इसके अलावा इस कमेटी में कलकत्ता विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय एवं विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, कल्याणी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अलावा कई अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से कम से कम नुकसान हो, इसके लिए मास्टर प्लान बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने केंद्र से खासकर सुंदरवन व दीघा के लिए एक मास्टर प्लान देने का अनुरोध किया.

ममता ने कहा कि चक्रवात के बाद निचले इलाकों में पानी जमा होने से ज्यादा नुकसान हुआ है. इन इलाकों में ट्यूबवेल आदि खराब हो गये हैं. इसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने पीएचई विभाग को ऊंचे स्थानों पर ट्यूबवेल लगाने के निर्देश दिये, ताकि आने वाले समय में प्राकृतिक आपदा में नुकसान कम हो. ममता ने यह भी कहा कि यश चक्रवात से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 317 तटबंध टूटे थे, जिसमें कुछ तटबंधों को छोड़कर बाकी का मरम्मत कार्य 10 जून तक पूरा कर लिया जायेगा.‌


ईंट भट्ठा मालिकों को मिलेगा मुआवजा

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने चक्रवात के कारण ईंट भट्ठा मालिकों को हुए नुकसान के लिए उन्हें क्षतिपूर्ति देने की भी बात कहीं. दरअसल चक्रवात के कारण बड़े पैमाने पर ईंट-भट्ठा को नुकसान पहुंचा है. मालिकों ने इसके लिए राज्य सरकार से क्षतिपूर्ति की गुहार लगायी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें नुकसान की भरपाई का भरोसा दिया है. मुख्यमंत्री ने प्राथमिक रूप से ईंट-भट्ठा मालिकों को पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की.

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Posted By: Mithilesh Jha

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