बुजुर्ग महिला से लिखवा ली सरकारी जमीन, भू-माफियाओं ने कार्यालय सहित नलकूप विभाग की जमीन करा ली रजिस्ट्री

हथुआ के डीसीएलआर अमंजय कुमार ने पूरे मामले की जांच की, तो सच सामने आ गया. अब इस मामले में भू-माफियाओं पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2022 11:20 AM

गोपालगंज. जमीन के मामले में यूं तो फर्जीवाड़े के मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन कोई सरकारी भवन सहित जमीन ही अपने नाम करवा ले, तो यह चौंकाने वाला मामला बनता है. गोपालगंज में ऐसे ही एक सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करा ली गयी है. भू-माफियाओं ने विजयीपुर नलकूप विभाग के सहायक अभियंता के कार्यालय से लेकर पंप मशीन की जमीन तक की रजिस्ट्री करा ली है.

वह भी गांव की 90 वर्षीया एक लाचार महिला को खड़ा करा कर, जिसका न तो जमीन में कोई शेयर है और न ही उसे कोई-लेना देना है. बात सामने आने पर अधिकारियों के होश उड़ गये हैं. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की. हथुआ के डीसीएलआर अमंजय कुमार ने पूरे मामले की जांच की, तो सच सामने आ गया. अब इस मामले में भू-माफियाओं पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गयी है.

जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

अधिकारियों की जांच में सामने आया कि शांति कुंवर लाचार हैं. वह ठीक से सुन भी नहीं पाती हैं. उनसे लिखवाये गये बैनामे में भिन्न-भिन्न प्रकार के हस्ताक्षर हैं. कहीं शांती लिखा है तो कही शांति लिखा है. 20 नवंबर, 2021 को लिखाये गये विभिन्न दस्तावेजों में शांति कुंवर के अंगूठे का निशान लगा है. उनकी उम्र 62 वर्ष दर्शायी गयी है, जबकि जांच में महिला की उम्र 90 वर्ष से अधिक पायी गयी. दस्तावेज में बताया गया है कि उनका एक बेटा और बेटी हैं. वह बेटे के साथ रहती है, जबकि हकिकत में वह नि:संतान हैं.

विजयीपुर में 1973 में बना था नलकूप

1973 में नलकूप का कार्यालय बना था और वहीं पंप लगा था. सिंचाई विभाग को राजेंद्र श्रीवास्तव ने अपने हिस्से की 12 कट्ठा जमीन (खाता नं 119 खेसरा नंबर 574)लिखी थी. इस बीच 20 नवंबर, 2021 को भू-माफियाओं ने उसी गांव के स्व महेश लाल की पत्नी शांति कुंवर से नलकूप की जमीन अपने नाम करवा ली. उनकी कोई संतान भी नहीं है.

यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा : एसडीपीओ

हथुआ एसडीपीओ नरेश कुमार ने बताया कि विजयीपुर में फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री कराने के मामले की जांच मेरे स्तर पर फुलवरिया थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गयी. जांच में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किये जाने की बात सामने आयी है. पुलिस इस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने में जुटी है.

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