महिलाओं के लिए अलग उद्योग और व्यापार नीति बनाये सरकार, ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स ने रखी मांग
ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने महिलाओं के लिए अलग से उद्योग और व्यापार नीति बनाने की मांग सरकार से की है. कहा कि आदिवासी महिलाएं मेहनती और लग्न से काम करने वाली होती हैं. वहीं, आदिवासी महिलाएं समाज और परिवार में मुख्य भूमिका अदा करती हैं.
Jharkhand News: ट्राइबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Tribal Indian Chamber of Commerce and Industry- TICCI), महिला कोषांग और नेशनल एससी-एसटी हब, रांची कार्यालय द्वारा खूंटी के एसडीसी सेंटर भवन में महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (Women Entrepreneurship Development Program) का आयोजन किया गया.
महिलाओं के लिए अलग से उद्योग और व्यापार नीति बनाने की भी मांग
इस अवसर पर टिक्की- महिला कोषांग की संयोजक डॉ वासवी किड़ो ने कहा कि आदिवासी महिलाएं मेहनती और लग्न से काम करने वाली होती हैं. आदिवासी महिलाएं समाज और परिवार में मुख्य भूमिका अदा करती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में वनोत्पाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. उन उत्पादों से कई वस्तुएं बनायी जा सकती है. इन्हीं उत्पादों से छोटे-छोटे सूक्ष्म उद्यम स्थापित हो सकते हैं. हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके. उन्होंने सरकार से महिलाओं के लिए अलग से उद्योग और व्यापार नीति बनाने की भी मांग की.
नेशनल एससी एसटी हब की योजनाओं से अवगत कराया
नेशनल एससी-एसटी हब की मुख्य प्रबंधक किरण मारिया तिड़ू ने नेशनल एससी एसटी हब की योजनाओं से अवगत कराया, ई- टेंडरिंग, जेम आदि की जानकारी दी और व्यवसाय में आने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर टिक्की महिला कोषांग के सचिव अनीमा बाअ:, रोशनी खलखो, अगाथा भेंगरा, जूलियानी टोपनो, पुष्पा धान, धनिक गुड़िया, अमृत किशोर भेंगरा, सुनील होरो, अंजलि कुजूर, डेजी सुरीन, तूलिका तिर्की, शांति मरीना, प्रिंस राहुल, विनोद कुमार जायसवाल आदि उपस्थित थे.