खूंटी : भवनों के निर्माण में बह गयी सरकारी राशि, वर्षों बाद भी नहीं हो पाया उपयोग
अड़की प्रखंड में लगभग 12 लाख रुपये की लागत से जिला परिषद की ओर से बना डाक बंगला बेकार साबित हो रहा है. उपयोग के अभाव में पूरा भवन जर्जर हो रहा है. भवन के चारों तरफ झाड़ियां उग आया है.
खूंटी जिले में करोड़ों की लागत से कई सरकारी भवनों निर्माण किया गया, लेकिन आज तक इन भवनों का उपयोग नहीं हो पाया. अब तक कई भवन जर्जर हो चुके हैं. मुरहू प्रखंड परिसर में बना शौचालय हो या फिर अड़की प्रखंड में लाखों की लात से बने डाक बंगला की स्थिति लद से बदतर होती चली जा रही है. इसी तरह मुरहू के बिंदा गांव में तहसील कचहरी की भी स्थिति कमोबेश वैसी ही है. जिला प्रशासन की ओर से विभाग को हैंड ओवर नहीं किये जाने या फिर तकनीकी परेशानियों के बीच ऐसे भवनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है.
मुरहू प्रखंड परिसर में बना शौचालय उपयोग विहीन है. शौचालय का ताला अक्सर बंद रहता है. इस कारण प्रखंड कार्यालय तक आनेवाले ग्रामीणों को शौच के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय परिसर में बने शौचालय को जनहित में खोलने की मांग की है. कुछ यही हाल खूंटी प्रखंड परिसर में बने शौचालय का भी है. खूंटी प्रखंड परिसर में बना शौचालय का कभी भी उपयोग नहीं हो सका.
बेकार पड़ा है डाक बंगला
अड़की प्रखंड में लगभग 12 लाख रुपये की लागत से जिला परिषद की ओर से बना डाक बंगला बेकार साबित हो रहा है. उपयोग के अभाव में पूरा भवन जर्जर हो रहा है. भवन के चारों तरफ झाड़ियां उग आया है. इस कारण मवेशियों और असामाजिक तत्वों का आना-जाना लगा रहता है. धीर-धीरे पूरा भवन खंडहर में तब्दील होने लगा है. अब भवन की स्थिति रहने लायक नहीं रह गयी है.
तहसील कचहरी की स्थिति होने लगी जर्जर
मुरहू के बिंदा में तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी आवास का निर्माण हुआ, लेकिन इसका कोई उपयोग में नहीं है. इस कारण अब पूरा भवन जर्जर होने लगा है. आवासीय परिसर में झाड़ियां उग गयी हैं. आवास का उपयोग नहीं करने के कारण हल्का कर्मचारियों को ग्रामीणों को ढूंढने में भी परेशानी होती है. प्रखंड के कई अन्य तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी आवास की भी यही हाल है.