केंद्र की मोदी सरकार ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए डिजिटल स्ट्राइक की है. खबर है कि सरकार ने झूठी खबरें और अफवाह फैलाने वाले 100 से ज्यादा यूट्यूब चैनल्स को बैन कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये यूट्यूब चैनल्स क्लिकबेट वाले थंबनेल लगाकर फर्जी खबरें चलाते थे. दूसरी ओर, गूगल ने भी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भारत में फर्जी न्यूज और अफवाह फैलाने वाले चैनल्स और कंटेंट को लेकर सख्ती दिखाई है. यूट्यूब इंडिया ने भी इस तरह के फर्जी न्यूज चैनल और कंटेंट पर एक्शन लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
सनसनीखेज और नकली थंबनेल
सरकार ने इस तरह के फर्जी अफवाह फैलाने वाले यूट्यूब चैनल्स पर एक्शन तेज कर दिया है. यूट्यूब पर ट्रैफिक बढ़ाने और अधिक पैसा कमाने के लिए क्लिकबेट और सनसनीखेज और नकली थंबनेल का उपयोग काफी बढ़ गया है. इसी वजह से भारत सरकार फर्जी खबरों से होने वाले अवैध मुनाफे को एक गंभीर समस्या मानती है. इसके चलते सख्त कदम उठाते हुए सरकार ने एक बार फिर इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है.
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फर्जी चैनलों पर पहले भी हुई है कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम के प्रावधानों के तहत 100 से अधिक यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया है. इससे पहले भी सरकार ने यूट्यूब चैनल्स के जरिये फर्जी खबरों से की जाने वाली कमाई से जुड़ी चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही थी. पिछले साल में फर्जी खबरें देनेवाले यूट्यूब चैनलों का पर्दाफाश किया गया है, जो लगातार अफवाह फैलाते हैं.
फर्जी न्यूज से लड़ने का लक्ष्य
यूट्यूब इंडिया के डायरेक्टर ईशान चटर्जी ने कहा है कि फर्जी खबरों और अफवाहों को लेकर हमारी पॉलिसी में कहा गया है कि इस तरह के कंटेंट वास्तविक जगत में खतरा है और हम उसके खिलाफ एक्शन लेते रहते हैं. यूट्यूब का कहना है कि हमारा लक्ष्य फर्जी न्यूज से लड़ने का है. हम चाहते हैं कि लोगों के पास हाई क्वालिटी कंटेंट पहुंचे, जिन्हें न्यूज ऑर्गनाइजेशन और फ्रीलांस जर्नलिस्ट बनाते हैं. यूट्यूब लोगों के लिए कंटेंट कंज्यूम करने का बड़ा प्लैटफॉर्म है.
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सरकार दे चुकी है चेतावनी
मालूम हो कि इसे लेकर पिछले ही महीने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यूट्यूब को फर्जी न्यूज चैनल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा था और सलाह दिया था कि जो न्यूज वेरिफाइड नहीं है, उसके लिए डिसक्लेमर लगाया जाए. यूट्यूब की पॉलिसी में भी यह कहा गया है कि इस तरह के कंटेंट वास्तविक जगत में खतरा हैं और गूगल का वीडियो प्लैटफॉर्म उसके खिलाफ एक्शन लेता रहता है.