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Jharkhand News: निजी स्कूलों को टक्कर देंगे ये सरकारी विद्यालय, बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भवन

झारखंड के 80 सरकारी स्कूलों को शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र बनाने का काम शुरु हो रहा है. सभी जिलों में एक साथ विद्यालयों का निर्माण शुरू हुआ है. स्कूलों का नव निर्माण पर 310 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2021 6:42 AM
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सुनील कुमार झा, रांची: राज्य के सरकारी स्कूल आनेवाले दिनों में निजी स्कूलों को टक्कर देंगे. राज्य सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है. राज्य के 80 सरकारी स्कूलों को शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) बनाने का काम शुक्रवार को शुरू हो गया. राज्य के सभी जिलों में शुक्रवार को एक साथ विद्यालयों का निर्माण कार्य शुरू हुआ. विद्यालयों के नव निर्माण पर 310 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

टेंडर की शर्त के अनुरूप संबंधित एजेंसी को विद्यालयों की मरम्मत का कार्य मार्च 2022 तक पूरा कर लेना है, वहीं एक साल में सभी कार्य पूरा करने का निर्देश है. सभी स्कूलों को अत्याधुनिक संसाधन से युक्त किया जायेगा. कुछ स्कूलों पर पांच करोड़ रुपये तक खर्च किये जायेंगे. विद्यालयों में न सिर्फ अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू होगी, बल्कि ये सभी स्कूल अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त होंगे. कुछ स्कूलों को सीबीएसइ से मान्यता दिलायी जायेगी.

इन संसाधनों से युक्त होंगे स्कूल: विद्यालय में लैंग्वेज लैब, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, मैथ्स लैब और पुस्तकालय के साथ-साथ स्मार्ट क्लास की सुविधा बच्चों को उपलब्ध होगी. विद्यालयों में बच्चों को डिजिटल शिक्षा भी दी जायेगी. विद्यालयों में एसटीइएम (साइंस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथ ) के साथ कुछ स्कूलों में आनेवाले दिनों में रोबोटिक लैब की सुविधा उपलब्ध होगी.

खेलकूद की भी सुविधा: विद्यालयों में खेलकूद की भी सुविधा होगी. वालीबॉल, थ्रो बॉल, खो-खो, कबड्डी के साथ-साथ जिन विद्यालयों में पर्याप्त जगह उपलब्ध है, वहां फुटबॉल और हॉकी खेलने की भी सुविधा दी जायेगी.

प्रमंडलवार कितने स्कूल

उत्तरी छोटानागपुर 23

संताल परगना 20

दक्षिणी छोटानागपुर 17

कोल्हान 10

पलामू 10

स्कूल में होनेवाला सिविल वर्क

स्कूल का मुख्य द्वार

प्राचार्य कक्ष

स्टाफ रूम

रिकॉर्ड रूम

परीक्षा हॉल

स्टॉफ कॉमन रूम

बहुद्देश्यीय भवन

सभी तल्ले पर शौचालय

दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय

मेडिकल रूम

एनसीसी और स्काउट गाइड रूम

बच्चों की पढ़ाई की क्षमता: विद्यालयों में कक्षा एक से 12वीं तक की पढ़ाई होगी. एक विद्यालय में 2500 बच्चों का नामांकन होगा. विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ानेवाले शिक्षक नियुक्त होंगे. वर्तमान में सरकारी स्कूलों में कार्यरत वैसे शिक्षक, जो पूर्व में सीबीएसइ स्कूलों में कार्यरत थे, उन्हें इन विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किया जायेगा.

इंजीनियरिंग कॉलेजों को दी गयी जिम्मेदारी: स्कूलों के निर्माण कार्य के थर्ड पार्टी मूल्यांकन की जिम्मेदारी राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों को दी गयी है. बीआइटी मेसरा और एनआइटी जमशेदपुर को जिम्मेवारी मिली है.

पोर्टल पर उपलब्ध होगी पूरी जानकारी: स्कूलों के निर्माण कार्य को लेकर पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी. इसके लिए अलग से पोर्टल तैयार किया जा रहा है. सभी 80 विद्यालयों के नव निर्माण व इस पर होनेवाले खर्च की जानकारी उपलब्ध होगी.

सभी पंचायतों में एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल होगा: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि राज्य के 80 स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने का कार्य शुरू हो गया. शुक्रवार को सभी जिलों में काम शुरू हुआ. आनेवाले वर्षों में राज्य की सभी पंचायतों में एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल खोला जायेगा. ये स्कूल राज्य के निजी स्कूलों को टक्कर देंगे.

Posted by: Pritish Sahay

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