दुरुपयोग होने पर स्वास्थ्य साथी कार्ड को ब्लाॅक करेगी सरकार, निजी अस्पतालों व चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई
जिलेवार सतर्कता टीमों को और अधिक सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है. इसे रोकने के लिए 200 सरकारी डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है.
पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य साथी कार्ड का दुरुपयोग रोकने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. इसे लेकर विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि अगर किसी निजी अस्पताल नर्सिंग होम में साल में दस बार स्वास्थ्य साथी कार्ड में कोई अनियमितता पायी गयी तो कार्ड ‘ब्लॉक’ कर दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कार्ड को ब्लॉक करने के लिए इस बार सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है.
निजी अस्पतालों व चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई
अधिसूचना में यह भी कहा जिल ग गया है कि अगर कोई डॉक्टर इस अनियमितता में शामिल होगा तो वह भविष्य में कार्डधारी किसी दूसरे मरीज का इलाज नहीं कर सकेगा. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कई निजी नर्सिंग होम और अस्पताल इस कार्ड को सामने रखकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. फर्जी बिल बनाकर ऐसा किया जा रहा है. ऐसी तमाम शिकायतें स्वास्थ्य विभाग को मिली हैं, जिन लोगों को सचमुच चिकित्सा की जरूरत है उन्हें बगैर इलाज लौटा दिया जा रहा है.
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200 सरकारी डॉक्टरों को किया जाएगा प्रशिक्षित
इस बीच, जिलेवार सतर्कता टीमों को और अधिक सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है. गड़बड़ी करते पकड़े जाने पर संबंधित निजी अस्पताल या नर्सिंग होम को कड़ी सजा भुगतनी होगी. इसे रोकने के लिए 200 सरकारी डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है. ताकि, वे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की अनियमितताओं को पकड़ सकें. यहां तक कि स्वास्थ्य इलाज विभाग की ओर से ‘एसओपी’ भी प्रकाशित कर दी गई है. इसे ले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों 18 अगस्त को वर्चुअल प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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निजी अस्पताल या नर्सिंग होम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
अधिसूचना के अनुसार, अगर कोई इलाज खर्च में छेड़छाड़ कर गलत हिसाब-किताब स्वास्थ्य विभाग को थमाया जाता है तो ऐसे निजी अस्पताल या नर्सिंग होम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. ऐसा करने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है. वहीं कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया जायेगा.
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स्वास्थ्य साथी योजना क्या है
भारत सरकार व राज्य सरकारे अपने यहां के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर कई तरह की योजनाएं लाती रहती हैं. भारत सरकार के द्वारा देश के सभी नागरिकों के लिए अलग योजनाएं चलायी जाती हैं तो वही हर राज्य की राज्य सरकारों के द्वारा इसके लिए अलग अलग योजनाएं चलायी जाती हैं. ठीक उसी तरह आज के समय में पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा चलायी जा रही स्वास्थ्य साथी योजना बहुत प्रचलन में हैं. बंगाल के लोग इसका भरपूर लाभ भी उठा रहे हैं. उनके द्वारा इस योजना को किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना उपचार करवाने के लिए किया जाता हैं. आप पश्चिम बंगाल के निवासी हैं तो आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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स्वास्थ्य साथी योजना की मुख्य विशेषताएं
स्वास्थ्य साथी योजना से बंगाल की जनता को कई सारे फायदे मिलते है. स्वास्थ्य साथी कार्ड से मिलेंगे ये फायदे.
* बंगाल में रह रहे हर निवासी व उसके परिवार का स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा करवाया जाएगा किंतु इसके लिए पहले आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
* यदि आपको या आपके परिवार में पहले से किसी को कोई बीमारी हैं तो वह भी इसके तहत कवर की जाएगी.
* आपका परिवार चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो, इस योजना के तहत परिवार के आकार की सीमा नही रखी गयी हैं.
* संपूर्ण प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है और लाभार्थी की ओर से कोई अंशदान नहीं किया जाता है.
* स्मार्ट कार्ड होने के कारण इसमें आपके परिवार के सभी सदस्यों के नाम, उनके बायोमेट्रिक पहचान, फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर तथा अन्य जानकारी अंकित होगी.
* इसके तहत मिलने वाले अस्पतालों का विवरण भी ऑनलाइन ही उपलब्ध होगा अर्थात यह योजना पूर्ण रूप से ऑनलाइन ही होगी.
* यदि किसी कारणवश आपका कार्ड ब्लॉक हो जाता हैं तो आपको उसी समय मैसेज भेजकर सूचित कर दिया जाएगा.
* जब आपने अस्पताल को भुगतान कर दिया तो उसके 30 दिनों के भीतर आपको सब पैसे वापस मिल जाएंगे अन्यथा उस पर ब्याज लगना शुरू हो जाएगा.