प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे से ठीक पहले राज्य सरकार अब कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेस-वे योजना पर काम शुरू करने के लिए तत्पर हो गयी है. बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कोलकाता से वाराणसी तक 610 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे बनाने का फैसला किया है. यह एक्सप्रेस वे बंगाल के पांच जिलों से होकर गुजरेगा. केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राज्य सरकार से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है. हावड़ा, हुगली, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया होते हुए यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश करेगा.
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राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने इन सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने को कहा. साथ ही जिलाधिकारियों को जमीन अधिग्रहण के लिए किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है. इस बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी थे. उन्होंने राज्य सरकार से जल्द से जल्द जमीन मुहैया कराने का आवेदन किया. सूत्रों के अनुसार, एक्सप्रेस-वे के लिए झारखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश में जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन बंगाल में अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसलिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है.
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कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेस-वे कुल 610 किमी लंबा होगा. बंगाल क्षेत्र में इसकी लंबाई लगभग 242 किमी, झारखंड क्षेत्र में 187 किमी, बिहार में 159 किमी व उत्तर प्रदेश में 22 किमी लंबाई होगी. इस योजना पर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. केंद्र सरकार ने वर्ष 2027-28 तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. बताया जा रहा है कि यह एक्सप्रेस-वे निर्माण होने से कोलकाता से वाराणसी तक सड़क मार्ग के माध्यम से मात्र छह घंटे में पहुंचा जा सकेगा.
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