शिक्षा मंत्री को राज्यपाल ने दी चुनौती : आधी रात का करें इंतजार, ब्रात्य बसु के बिगड़े बोल

विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर राज्य सरकार व राज्यपाल में टकराव कोई नयी बात नहीं है. राज्य के खिलाफ एक विस्फोटक आरोप में, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दावा किया कि जिन लोगों को उन्होंने अंतरिम कुलपति नियुक्त किया था, उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा धमकी दी जा रही है.

By Shinki Singh | September 9, 2023 5:12 PM

पश्चमि बंगाल में राज्य सरकार व राज्यपाल में टकराव कोई नयी बात नहीं है . राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शिक्षा मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि ‘कार्रवाई’ देखने के लिए आधी रात तक इंतजार करें. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने उनकी टिप्पणी के जवाब में ट्वीट किया. ब्रत्या ने ट्वीट में गवर्नर का नाम लिए बिना उन्हें ‘रात में खून चूसने वाला पिशाच’ कहा है. शिक्षा मंत्री ने सभी को इनसे बचकर रहने की चेतावनी दी है. गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर राज्य सरकार व राज्यपाल के बीच टकराव जारी है. दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए है.

ब्रत्या ने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया

ब्रत्या बसु ने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया है. ब्रात्या ने ट्वीट में कहा है कि सावधान! सावधान! सावधान! शहर में एक नया पिशाच आ गया है. नागरिक कृपया सावधान रहें. गौरतलब है कि राज्यपाल शनिवार सुबह एक कार्यक्रम में शामिल होने गये थे. वहां से निकलते वक्त पत्रकारों ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि आज आधी रात का इंतजार करें.आप देखेंगे कि कार्रवाई किसे कहते हैं.

कानून को भ्रमित कर कठपुतली का खेल खेल रहे राज्यपाल : ब्रात्य

विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर राज्य सरकार व राज्यपाल में टकराव कोई नयी बात नहीं है. जन्माष्टमी पर राज्यपाल के वीडियो बयान ने विवाद में नया आयाम जोड़ दिया है. राज्य के खिलाफ एक विस्फोटक आरोप में, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दावा किया कि जिन लोगों को उन्होंने अंतरिम कुलपति नियुक्त किया था, उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा धमकी दी जा रही है. वहीं, राज्यपाल की तमाम शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को कहा कि राज्यपाल कानून को भ्रमित कर कठपुतली का खेल खेल रहे हैं, जो पूरी तरह से अवैध है.

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शिक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल एक के बाद एक विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे हैं, जिससे सरकार और शिक्षा विभाग अंधेरे में है. उधर, राज्यपाल ने आरोप लगाया कि सरकार जिन लोगों को कुलपति पद के लिए नामांकित कर रही है, वे या तो भ्रष्ट हैं या राजनीति कर रहे हैं. इसके अलावा राज्य के नामांकितों में ऐसे लोग भी हैं, जिन पर छेड़छाड़ का आरोप लगा है. शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि राज्यपाल के ये सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे हैं. ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रारों के साथ बैठक की. मूल रूप से उन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बुलाया गया था, जहां राज्यपाल ने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की थी. बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था.

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कुलपति की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मामले चल रहे हैं. उस मामले का निबटारा नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में कुछ कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाया था. शिकायत यह थी कि नियुक्ति को आचार्य और राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या यूजीसी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया. ब्रात्य बसु ने कहा : राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट के आदेशों का हवाला देकर कुलपतियों को हटा रहे हैं. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश बदल दिया. वह मामला चल रहा है, लेकिन राज्यपाल कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. वह इस प्रकार कठपुतली का खेल खेल रहे हैं, जो पूरी तरह से अवैध है.

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राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर बंगाल सरकार व राजभवन के बीच तकरार जारी है. इसी बीच, शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलायी थी. इस बैठक में अधिकतर विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार नहीं पहुंचे. बता दें कि राज्य में कुल 31 विश्वविद्यालय हैं. इसमें से 19 विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार बैठक में शामिल नहीं हुए. शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रारों की अनुपस्थिति पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि आपको सही समय आने पर पता चल जायेगा कि इसे लेकर क्या कदम उठाये जायेंगे.

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