पश्चिम बंगाल सरकार के कई मुद्दों पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस (Governor CV Anand Bose) से मतभेद रहे हैं. लेकिन वे एक-दूसरे को संदेश धीरे-धीरे देते हैं. एक बार फिर से टकराव का माहौल देखने को मिल सकता है. हालांकि राज्यपाल ने पिछले दिनों राजभवन में बैठे पत्रकारों से कहा था कि वास्तव में राजभवन और नवान्न के बीच कोई टकराव नहीं है. सब कुछ मीडिया द्वारा बनाया गया है. कई लोगों की शिकायत है कि राज्य सरकार सीएजी को पर्याप्त जानकारी नहीं देती है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बिना नाम लिये सीएजी की जरूरत पर राज्य सरकार को सलाह दी. बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इस टिप्पणी के बाद राज्यपाल ने सभी राज्य सरकारों को सीएजी के काम को महत्व देने की सलाह दी. हालांकि विपक्ष पहले ही राज्य सरकार पर जानकारी छुपाने का आरोप लगा चुका है.
ऑडिट दिवस के मौके पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस कोलकाता के ‘नियंत्रक एवं महालखा परीक्षक’ कार्यालय में उपस्थित हुए. राज्यपाल ने वहां मौजूद ऑडिटरों के कार्यों का वर्णन किया. राज्यपाल ने यहां कहा, ऑडिटरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उनके मुताबिक लोग मेहनत से कमाते हैं. और वह पैसा कहां खर्च हो रहा है, इसका हिसाब रखना बहुत जरूरी है. बिना नाम लिये यह, संदेश देने के बावजूद दो सवाल उठने लगे. एक क्या उन्होंने यह सलाह राज्य सरकार को दी ? दूसरा, क्या उन्होंने ऐसी सलाह केंद्र सरकार को दी ? हालांकि राज्यपाल ने इसका खुलासा नहीं किया.
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राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा था, ”कैग के काम का स्वागत किया जाना चाहिए.” यह प्रत्येक प्रशासन का नैतिक कर्तव्य होना चाहिए. वहीं, आरोप है कि यूपीए काल की सीएजी रिपोर्ट दिखाकर सत्ता में आये नरेंद्र मोदी इसे स्वीकार नहीं करते हैं. सीएजी ने संसद में रिपोर्ट पेश की कि केंद्र सरकार की कई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ है. नतीजा यह हुआ कि नरेंद्र मोदी की सरकार संकट में पड़ गयी. कहा जा रहा है कि रिपोर्ट गलत है. तब कथित तौर पर कई सीएजी अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था. वहीं गवर्नर का कहना है, ”सीएजी हमेशा सही तथ्य पेश करता है. सीएजी ऑडिटर पता लगाते हैं कि कौन दोषी है और कौन दोषी नहीं है. पैसा कहां खर्च हो रहा है इसकी सही जांच करने के लिए सीएजी को जानकारी दी जानी चाहिए, क्योंकि वे बेहिसाब लागतों का सटीक विश्लेषण कर सकते हैं और दोषियों का पता लगा सकते हैं.
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