पश्चिम बंगाल बुधवार को इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ राजभवन में राज्यपाल सी वी आनंद बोस ( Governor CV Anand Bose) से मिलने गये. यहां आयोजित बैठक में इसरो चेयरमैन ने चंद्रयान 3 की सफलता पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ””चंद्रमा की उत्पत्ति की खोज जारी है. ग्लोबल एनर्जी पार्लियामेंट सम्मेलन बुधवार को राजभवन में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मौजूद इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान 2 की विफलता से वैज्ञानिकों ने सीखा. इसी के आधार पर चंद्रयान 3 का विकास किया गया. वह चाहते हैं कि भारत इंसान को अंतरिक्ष में भेजे और फिर वापस लाये. जब इसरो के चेयरमैन ये बात कह रहे थे तो राज्यपाल ने मजाक करते हुए कहा कि अगर एक दिन किसी राज्यपाल को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिले तो सबसे पहले उन्हें मौका दिया जाना चाहिए.
वे अंतरिक्ष में जाना चाहते हैं. यहां राजभवन में इसरो चेयरमैन ने चंद्रयान 3 की सफलता पर चर्चा की. उन्होंने कहा, ””चंद्रमा की उत्पत्ति की खोज जारी है.”” ”चंद्रयान 3 की सफलता को लेकर हमारे मन में कोई संदेह नहीं था. चंद्रयान 1 बता सकता है कि चांद पर कहां पानी है. चंद्रयान 2 को दूसरे लक्ष्य पर भेजा गया. परंतु यह उस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हो सका. चंद्रयान 3 ने उन लक्ष्यों को पूरा कर लिया है. चंद्रयान 3 मूल रूप से खनिजों की खोज के लिए भेजा गया था.एस सोमनाथ ने कहा कि इस बार उनका लक्ष्य शुक्र ग्रह है. हम शुक्र अभियान के लिए भी आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि गगनयान का काम भी तेजी से चल रहा है. चंद्रमा पर और भी अभियान होंगे.
रोबोटिक मिशन चल रहा है. 2040 तक कोई भारतीय चांद पर कदम रखेगा. इसरो चेयरमैन ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. उन्होंने यह भी कहा कि 2024 तक गगनयान में एक और उड़ान होगी.चंद्रयान की सफलता के बाद कई छात्र इसरो में नौकरी का सपना देखने लगे. स्वाभाविक रूप से इसरो के वर्तमान अध्यक्ष के सामने यह सवाल आता है कि वहां नौकरी कैसे मिलेगी. उस पर एस सोमनाथ ने भी परामर्श देते हुए कहा कि सामान्य सूचना जरूर पढ़नी चाहिए. इसके साथ ही फिजिक्स और केमिस्ट्री का भी ज्ञान होना चाहिए.
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