प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस की अचानक सक्रियता का कारण तलाशने की चर्चा शुरू हो गयी है. इसी कड़ी में तीसरी बार राज्यपाल गुरुवार को करीबन 12.40 बजे प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी पहुंचे और सबसे पहले बेकर भवन गये, जहां उन्होंने शिक्षकों से बातचीत की. जानकारी के अनुसार, राज्यपाल ने जैसे ही प्रेसिडेंसी में प्रवेश किया, वैसे ही नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के खिलाफ एसएफआइ के सदस्यों ने परिसर में एक रैली निकाली और विरोध-प्रदर्शन किया.
इसके बाद राज्यपाल, वीसी अनुराधा लोहिया के कक्ष में गये लेकिन छात्रों से वादा किया कि वे बाद में उनसे मिलेंगे और उनके विचार सुनेंगे. वीसी के साथ बैठक के दौरान दोनों ने विश्वविद्यालय में बुनियादी सुविधाओं, आगामी परियोजनाओं, शैक्षणिक माहौल और इसकी वित्तीय स्थिति पर चर्चा की. राज्यपाल ने देरोजियो हॉल में फैकल्टी के सदस्यों से भी मुलाकात की और फिर वामपंथी छात्रों से भी मिले और धैर्यपूर्वक उनकी बातें सुनी. साथ ही उनका ज्ञापन भी लिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को फंड आवंटन जारी करने के साथ पुराने इडन हिंदू होस्टल भवन के तीन ‘वार्ड’ (भाग) को तत्काल मरम्मत के बाद फिर से खोला जाना चाहिए.
यूनिवर्सिटी एसएफआइ की अध्यक्ष आनंदरूपा धर ने बताया कि जब राज्यपाल ने प्रवेश किया, उस समय एनइपी 2020 के लिए उनका विरोध जारी थी. राज्यपाल उनकी बातचीत से सहमत हो गये और बाद में उन्होंने छात्रों से मुलाकात की और अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा. गौरतलब है कि बुधवार को राज्यपाल ने बारासात में राज्य विश्वविद्यालय परिसर और सोमवार को अघोषित रूप से कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) का दौरा किया था.
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इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य एनइपी और संस्थानों के संचालन के संबंध में अन्य नीतिगत निर्णय लेंगे. राज्यपाल का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. आवश्यकता पड़ने पर उनसे चर्चा करूंगा, लेकिन मुझे उनकी वर्तमान यात्राओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जो व्यक्तिगत हैं.