Education News : राज्यपाल ने दिया शिक्षा से सेवा का संदेश, जानिये CSJMU के दीक्षांत समारोह में किसे मिला मेडल
CSJMU: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का बुधवार को 37 वांदीक्षांत समारोह मनाया गया. इसमें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विद्यार्थियों को मेडल के साथ- साथ भविष्य बनाने का मूल मंत्र भी दिया.
कानपुर. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विद्यार्थियों को शिक्षा से सेवा का संदेश देते हुए समाज उत्थान की दिशा में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा लेने की सलाह दी है. उनका कहना है कि शिक्षा की डिग्री तभी सार्थक है जब समाज के विकास के लिए काम किया जाये. छात्र- छात्रा यह संकल्प लें कि जीवन में कभी गलत नहीं करेंगे. राज्यपाल ने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने का मंत्र दिया. कहा कि जो मेडल नहीं हासिल कर सके वह भी निराश न हो. जीवन में हर दिन बेहतर करने का संकल्प लें. अधिक से अधिक श्रम करें और समाज के उत्थान के लिए कार्य करें.
जल भरो कार्यक्रम के साथ हुई शुरुआतराज्यपाल बुधवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुची. विवि की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने समारोह की अध्यक्षता दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन हरिद्वार के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं. उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी भी मौजूद रहीं. मां सरस्वती को माल्यार्पण करने के बाद दीक्षांत समारोह की शुरुआत विवि के नवनिर्मित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जल भरो कार्यक्रम के साथ हुई.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सीएसजेएमयू के 59 मेधावियों को 91पदकों से सम्मानित किया.इन पदकों में 71 फीसदी छात्राएं हैं.वहीं राज्यपाल ने रिमोट दबाकर डीजी लॉकर के माध्यम से 7.5 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की.129 छात्रों को राज्यपाल ने पीएचडी की उपाधि प्रदानकी परिषदीय स्कूल के कक्षा 5 से 8 तक के 30 बच्चों और 25 आंगनबाड़ी केंद्रों की महिलाओं को भी सम्मानित किया. इसके साथ ही कई भवनों का लोकार्पण भी किया.वही नगर निगम के सहयोग से अमृत सरोवर व राजकीय बालगृह में बने कंप्यूटर सेंटर का भी उद्घाटन किया.
कुलाधिपति ने की बेटियों की मेहनत की प्रशंसाकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में बेटियों की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी.उन्होनें कहा कि जिस प्रकार से लड़कियां मेडल लेने में सबसे आगे रहीं, इससे लड़कों को यह समझना होगा कि आखिर उनकी उपस्थिति कहां है 80 प्रतिशत पदक लड़कियों ने हासिल किए हैं.ऐसे में लड़कों के कम प्रदर्शन पर राज्यपाल महोदया ने उन्हें भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, लीडर बनने से बेहतर है लैडर बनेंस्वामी चिदानंद सरस्वती ने दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारतीय परंपराओं, मनीषा और ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होने नवरात्र के शुभ अवसर पर हुए इस कार्यक्रम के लिए कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय के उत्सव में आए हुए सभी छात्र-छात्राओं को राष्ट्र-समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना होगा. उन्होने कहा कि डिग्री डिप्लोमा करने के बाद आसमान कोई भी छू सकता है लेकिन आसमान छूने से बेहतर है दिलों को छू लेना. उन्होने कहाकि पशु तक अपनी भाषा से प्यार करते हैं तो फिर हमें अपनी भाषा से प्यार होना ही चाहिए.उन्होने कहा कि लीडर बनने से बेहतर है लैडर बने.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी