Graduation Books in 12 languages: नयी एजुकेशन पॉलिसी के तहत अब रीजनल लैंग्वेज में भी छात्र स्नातक कर सकेंगे. इसके लिए ग्रेजुएशन कोर्सेज की किताबों को 12 रीजनल लैंग्वेजेस में लिखा जायेगा. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन यानी यूजीसी ने हायर एजुकेशन के एलिजिबल राइटर्स से इसके लिए आवेदन मांगे हैं.
यूजीसी 12 भारतीय भाषाओं – असमिया, मराठी, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उर्दू में ह्यूमैनिटीज, साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस सब्जेक्ट्स की ग्रेजुएशन लेवल की किताबें रीजनल लैंग्वेज में उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है. इसी काम के लिए विभाग को रीजनल लैंग्वेज में एक्सपर्ट लेखकों की तलाश है. इसके लिए यूजीसी अलग-अलग राज्यों में नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान कर रहा है, जहां भारतीय भाषाओं में अच्छी क्वालिटी वाली पाठ्य पुस्तक को लिखने वालों की एक टीम बनाने का काम कराया जा सके.
यह सभी कोशिशें यूनिवर्सिटी के छात्रों को भारतीय लैंग्वेज सिखाने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत की जा रही हैं. इच्छुक उम्मीदवार को आवेदन करते समय विवरण के साथ-साथ यह भी बताना होगा कि वह किस सब्जेक्ट की किताबों पर और किस लैंग्वेज में काम करने वाले हैं. इसके साथ ही लेखक किताबों के कंटेंट के अलावा उनका अस्थायी शीर्षक भी निर्धारित कर सकते हैं. आवेदन के लिए इस लिंक की मदद लें : https://forms.gle/cABbivfPB6hvfFhB9
Also Read: UGC NET Result 2023: अगर आप परीक्षा में नहीं हो पाते हैं सफल, तो इन क्षेत्रों में बनाएं अपना करियर
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है. सीबीएसई ने पहले एनसीईआरटी पुस्तकों को अपनाने के लिए संबद्ध स्कूलों को प्रेरित करते हुए एक नोटिस जारी किया था, जो अब 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जा रही हैं.
Also Read: Sarkari Job: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, इटारसी में 105 पदों पर निकली वैकेंसी, ऐसे करें आवेदन