Grah Gochar August 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में सभी ग्रह अहम भूमिका निभाते हैं. एक निश्चित समय पर सभी ग्रह अपना स्थान परिवर्तन करते हैं. जिसका प्रभाव सभी राशि के जातक के जीवन में देखने को मिलता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब-जब ग्रह अपनी चाल बदलते है, तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है. इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य है, इसके बाद उपग्रह चंद्रमा है. वहीं शुक्र, बुध, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह भी अहम योगदान देते हैं. इसमें से दो ग्रह राहु-केतु है. राहु-केतु को पापी या छाया ग्रह माना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों का वर्णन किया गया है. वे नौ ग्रह हैं- सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु. यह सभी ग्रह एक निश्चीत अवधि के बाद राशि परिवर्तन-गोचर, वक्री, नक्षत्र परिवर्तन, उदय और अस्त होते हैं. अगले महीने अगस्त में कुछ बड़े ग्रह गोचर करने जा रहे हैं. जिसका सीधा असर 12 राशि के जातकों पर पड़ेगा. अगस्त माह में सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल अपना स्थान बदलेंगे, जिसका शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों के जीवन पर दिखाई देगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य एक माह के बाद राशि परिवर्तन करते हैं. वहीं, चंद्र गोचर करने में सवा दिन का समय लेते हैं. मंगल करीब डेढ़ महीने के बाद राशि परिवर्तन करते हैं, वहीं एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए बुध ग्रह को 14 दिन लगता है. देव गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करने में एक साल का समय लेते हैं. शुक्र ग्रह को राशि परिवर्तन में 23 दिन लगता है और शनि देव सबसे अधिक ढाई साल का समय लेते हैं. छाया ग्रह राहु और केतु राशि परिवर्तन में डेढ़ साल का समय लेते हैं.
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ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अधिकांश समय में सभी ग्रह समान्य दिशा में विचरण करते हैं, लेकिन जब कोई ग्रह अपनी दिशा के विपरीत यानी उल्टी दिशा में गोचर करते हैं तो इस स्थिति को वक्री ग्रह कहा जाता है. वक्री का मतलब किसी राशि में जब ग्रह उल्टी चाल चलते है तो उसे वक्री कहा जाता है. सूर्य और चंद्र उल्टी चाल नहीं चलते है. वहीं अन्य सभी ग्रह वक्री होते हैं. राहु -केतु हर समय वक्री चाल यानि उल्टी चाल चलते हैं. ग्रहों के वक्री होने से हर व्यक्ति के जीवन में बदलाव होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है. सूर्य को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 30 दिन का समय लगता है. सूर्य हर माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं. 17 अगस्त 2023 को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर कुछ राशि के जातकों को लाभ पहुंचाएंगे. इस दौरान मेष, सिंह समेत कई राशि के जातक के लिए सूर्य का गोचर शुभ फलदायी रहने वाला है.
शुक्र को धन-वैभव, विलासिता, सुख-समृद्धि का कारक ग्रह माना जाता है. किसी भी जातक की कुंडली में शुक्र के शुभ होने पर व्यक्ति को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. बता दें कि 7 जुलाई को शुक्र ग्रह सिंह राशि में हैं. सिंह राशि में शुक्र उल्टी चाल चल रहे है. शुक्र ग्रह अगले सात अगस्त की सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इस दौरान कन्या, तुला और वृषभ राशि वालों को शुभ फलों की प्राप्ति होने वाली है.
ग्रहों के सेनापति मंगल भी अगस्त में अपना स्थान परिवर्तन करने वाले हैं. मंगल ग्रह फिलहाल सिंह राशि में विराजमान है. 17 अगस्त को मंगल ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे. 17 अगस्त को मंगल कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे. मंगल के इस गोचर के बाद मेष और कन्या राशि वाले जातक हर कार्य में सफलता हासिल करेंगे. बता दें कि मंगल को साहस, पराक्रम, भूमि-संपत्ति का कारक ग्रह माना गया है.
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बुध ग्रह 14 दिन में राशि परिवर्तन करते है. सभी नौ ग्रहों में बुध को युवराज का दर्जा प्राप्त है. यह ग्रह बुद्धि, त्वचा, व्यवसाय आदि का कारक माना जाता है. ग्रहों के राजकुमार बुध 25 जुलाई की सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. बुध के सिंह राशि में प्रवेश करने से हर राशि के जातकों को थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. बुध ग्रह के गोचर से मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कन्या आदि राशियों को अपार धन-संपदा, व्यापार में बढ़ोतरी मिलेगी.