Shani Dhaiya: व्यक्ति के जीवन में शनि ग्रह का विशेष महत्व है. शनि के अशुभ प्रभाव से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता और कई प्रकार के दुखों को सहना पड़ता है. वहीं, शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के सभी प्रकार के दुःख दूर हो जातें है. शनि ग्रह को आयु, रोग, विज्ञान, तकनीकी, खनिज, तेल, कर्मचारी, सेवक, लोहा, जेल आदि का कारक माना जाता है.
शनि देव मकर और कुंभ राशियों के स्वामी ग्रह हैं. तुला राशि इनकी उच्च राशि है, जबकि मेष नीच राशि मानी जाती है. नौ ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद है. आइए जानते है कि मिथुन और तुला राशि वाले शनि की ढैय्या से कब मुक्त हो रहे है…
मिथुन और तुला राशि पर शनि ढैया पर प्रभाव है. अब इन राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि साल 2022 में 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. इस राशि में जाते ही मिथुन और तुला वालों पर से शनि का प्रभाव खत्म हो जाएगा. इन राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी. शनि का प्रकोप हटते ही आपके रुके हुए कार्यों में फिर से गति आएगी.
साल 2022 में ही एक बार फिर से आप शनि ढैय्या के प्रभाव में आ जाएंगे. क्योंकि इसी साल 12 जुलाई को शनि अपनी वक्री चाल चलते हुए फिर से मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे शनि ढैय्या का असर कर्क और वृश्चिक वालों पर से हटकर फिर मिथुन और तुला राशि वालों पर आ जाएगा. इसके बाद 17 जनवरी 2023 तक मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या बनी रहेगी. यानि देखा जाए तो पूर्ण रूप से शनि के दशा से मुक्ति 2023 की 17 जनवरी को शनि के मार्गी होने पर मिलेगी.
मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या का असर खत्म होगा. वहीं कर्क और वृश्चिक जातक इसकी चपेट में आ जाएंगे. जब गोचर में शनि किसी राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होता है तो ये स्थिति शनि की ढैय्या कहलाती है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha