25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ग्रिफिन यूनिवर्सिटी के प्रो. लिंडसे ब्राउन ने भारतीय वनस्पतियों का बताया औषधि, स्वास्थ्य रहने के लिए दिए टिप्स

ग्रिफिन यूनिवर्सिटी के प्रो. लिंडसे ब्राउन ने भारतीय वनस्पतियों को औषधि बताया है. भारत में उगने वाली वनस्पतियां औषधीय गुणों से परिपूर्ण है उनके इस गुण को पहचान कर उसका सही उपयोग करने की आवश्यकता है.

आगरा. आगरा कॉलेज के 200 वर्ष पूरे होने पर पंडित गंगाधर शास्त्री व्याख्यानमाला की श्रृंखला में विज्ञान दिवस के अवसर पर एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. रसायन विज्ञान विभाग द्वारा ऑडिटोरियम हॉल में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें ग्रिफिन विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के प्रो. लिंडसे ब्राउन और इरासमुस विश्वविद्यालय नीदरलैंड से आए प्रो हरीश शर्मा ने वनस्पतियों के औषधीय गुणों एवं कोविड 19 के संदर्भ में अपने व्याख्यान दिए. इस समारोह का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर अनुराग शुक्ला द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर अनुराग शुक्ला ने की और कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर वंदना द्विवेदी ने किया. प्रोफेसर क्षमा चतुर्वेदी ने विज्ञान दिवस के विषय में विस्तार से सभी को बताया.

औषधीय गुणों से परिपूर्ण है वनस्पतियां

व्याख्यानमाला कार्यक्रम में ग्रिफिन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के प्रो लिंडसे ब्राउन ने ‘फंक्शनल फूड फ्रॉम द ट्रॉपिकल फॉर मेटाबॉलिक सिंड्रोम इन इंडिया’ पर अपने शोध के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में कई ऐसे फल है जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं. जिनके सेवन से कई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है. शरीर में कैलोरी की पूर्ति की जा सकती है. उन्होंने बताया कि भारत के समुद्री किनारे पर शैवाल की परत पाई जाती है, जिसमें सर्वाधिक प्रोटीन पाया जाता है. उसको प्रोसेस करके आम जनमानस के खानपान में शामिल कर कुपोषण को दूर किया जा सकता है. भारत में उगने वाली वनस्पतियां औषधीय गुणों से परिपूर्ण है उनके इस गुण को पहचान कर उसका सही उपयोग करने की आवश्यकता है.

Also Read: सीएम योगी आदित्यनाथ का फरमान, शांति और सौहार्द तरीके से मनाएं होली, UP में अराजकता नहीं करेंगे बर्दाश्त
स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता जरुरी

वहीं कार्यक्रम में इरासमुस विवि नीदरलैंड से आए वैज्ञानिक प्रोफेसर हरीश शर्मा ने अपने शोध ‘पोस्ट कोविड रेस्पिरेट्री कॉम्प्लिकेशन इन पेशेंट्स विद द सीओपीडी’ विषय पर व्याख्यान दिया और कोविड के प्रभाव तथा उनसे होने वाली मौतों को लेकर चर्चा की एवं भविष्य में इससे बचने के तरीके भी बताए. उन्होंने कहा कि अस्थमा और सीओपीडी गंभीर बीमारियां हैं. महामारी कोरोना के दौरान ऐसे मरीजों को दोहरी मार झेलनी पड़ी थी. जिससे मौतों की संख्या में इजाफा हुआ था. कोविड-19 प्रभाव के कारण लोगों ने अपनी जीवनशैली बदली है लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता भी आई है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए ऐसे लोगों को कम से कम 5 से 6000 कदम प्रतिदिन अनिवार्य रूप से टहलना चाहिए.

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम के दौरान डॉ एस एम एस गुप्ता मेमोरियल अवॉर्ड में चंचल तोमर एवं नैंसी जैन को 5,000 नगद तथा अशोक सरकार मेमोरियल अवॉर्ड में मनोरमा सिंह एवं सुरभि को 11 हजार नगद एवं प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान किए गए. इस अवसर पर प्रोफेसर एसपी अग्रवाल, प्रोफेसर एसपी गोयल, प्रोफेसर आभा शर्मा, प्रोफेसर दीपा रावत, प्रोफेसर अमिता सरकार, डॉक्टर आनंद पांडे, डॉक्टर उमेश शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें