बिहार में शादी की खुशी एक घर के लिए चंद ही घंटे के अंदर मातम में बदल गयी. वहीं नयी नवेली दुल्हन की मांग बस कुछ ही घंटों के बाद सूनी हो गयी जब शादी करके लौटे उसके दूल्हे की मौत हो गई. बेतिया के लौरिया प्रखंड अंतर्गत छरदवाली बसंतपुर गांव में मातम पसरा हुआ है.
चंद्रशेखर गिरी का एकलौता पुत्र मनीष कुमार सोमवार को दुल्हा बना था. उसकी शादी योगापट्टी थाना के विरती टोला अमइठिया गांव के चंद्रिका गिरी की बेटी के साथ हुई. बारात धूमधाम से लड़की के घर पहुंची और विवाह संपन्न हुआ. लेकिन इस बात की भनक किसी को नहीं थी कि ये खुशी बस कुछ ही घंटों की मेहमान है. दरअसल, धूमधाम से शादी बीतने के बाद मंगलवार की सुबह बरात दुल्हन को लेकर वापस घर पहुंची.तभी अचानक मनीष की तबीयत खराब हो गई.
तबीयत बिगड़ने के बाद परिवार वाले मनीष को आनन-फानन में चनपटिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां डॉक्टर ने स्थिति खराब देखते हुए बेतिया रेफर कर दिया. लेकिन इलाज के दौरान ही यहां उसकी मौत हो गई. मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो कोहराम और चीख-पुकार मच गई. दुल्हन चंदा देवी को जब यह खबर मिली कि उसके पति मनीष कुमार की मौत हो गई है तो वह बेहोश होकर गिर पड़ी.
मृतक की मां शीला देवी और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. अपने बेटे की मौत पर दहाड़ मारकर चिल्लाती और बेहोश हो जाती. अपने एकलौते चिराग के बुझ जाने की हकीकत को वो मानने को तैयार नहीं. वहीं बारातियों का भी उत्साह चंद घंटों में फीका हो गया. बसंतपुर पंचायत के मुखिया अजय सिंह और पूर्व सरपंच रामचंद्र यादव पंचायत समिति सदस्य नवल मिश्रा ने बताया कि हम लोग भी उसके बरात में शामिल हुए थे.बरात में ही उसकी तबीयत खराब हो गई थी.लेकिन बाद में ठीक हो गई थी. पर अफसोस की अब वो हमारे बीच नहीं रहा.