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गुवा गोलीकांड की बरसी: सीएम हेमंत सोरेन ने वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि,बोले-शहीदों के सपनों का बनाएंगे झारखंड

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुवा गोलीकांड के शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा सह परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने वीर शहीदों को नमन किया.

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम): झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने गुवा गोलीकांड की बरसी पर वीर शहीदों को नमन किया. उन्होंने कहा कि अपने इन वीर शहीदों के सम्मान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हम उनके बलिदान को याद कर रहे हैं. इस अवसर पर हम सभी अपने शहीदों, पूर्वजों और आंदोलनकारियों के आदर्श को आत्मसात करने और उनके सपनों का झारखंड निर्माण का संकल्प लें. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी में गुवा गोलीकांड के शहीदों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा सह परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने शहीद स्थल पर माल्यार्पण कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मानकी-मुंडा पारंपरिक व्यवस्था जनजाति समुदाय की मजबूत कड़ी है. यह समाज के पुरोधा हैं. इस व्यवस्था को हम और मजबूती दे रहे हैं, ताकि समाज को इनका लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल सके. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उनके बीच मोटरसाइकिल वितरित की.

शहीदों और उनके आश्रितों को मान-सम्मान दे रही सरकार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुवा गोली कांड के शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा सह परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने वीर शहीदों को नमन किया. मुख्यमंत्री ने 406 करोड़ 11 लाख 58 हज़ार 3 सौ रुपए की लागत से 126 योजनाओं का किया उद्घाटन-शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर शहीदों को चिन्हित कर उन्हें अथवा उनके आश्रितों को पूरा मान सम्मान और अधिकार सरकार दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलित और पिछड़ों को आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक बौद्धिक और राजनीतिक रूप से मजबूत किया जा रहा है. गुवा गोलीकांड के शहीदों को शत-शत नमन. वीरों, शहीदों औऱ आंदोलनकारियों के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लें. शोषण और अन्याय के खिलाफ आदिवासी ना कभी झुके हैं, ना रुके हैं. संघर्ष ही इनकी पहचान है. हमारे पूर्वजों ने अन्याय और शोषण के खिलाफ लंबा संघर्ष किया. तभी हमारा वजूद कायम है.

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हमारे पूर्वजों ने लंबी लड़ाई लड़ी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वज अलग-अलग समयों में ब्रिटिश हुकूमत, शोषण जुल्म और अन्य के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ते रहे. चाहे वह अपने वजूद और अस्तित्व को बचाने का संघर्ष हो या जल जंगल और जमीन की रक्षा का. इस लड़ाई में कई ने अपने को बलिदान कर दिया, लेकिन उन्होंने जो संघर्ष किया, उसी का परिणाम है कि आज आदिवासियों-मूलवासियों का अस्तित्व बरकरार है.

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शहीदों को दे रहे हैं पूरा सम्मान

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अपने वीर शहीदों और झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारियों के साथ गुमनामी की जिंदगी जीने वाले शहीदों के आश्रितों को चिन्हित कर उन्हें सम्मान देने का काम हमारी सरकार कर रही है. इस क्रम में शहीदों के आश्रितों को नौकरी और पेंशन के साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने का काम किया गया है.

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आज भी कई चुनौतियां हैं, लेकिन हमारे कदम नहीं रुकेंगे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज भी हमारे सामने कई चुनौतियां हैं. आदिवासी दलित और पिछड़े लोग दशकों से हाशिये पर रहे हैं. आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, बौद्धिक और राजनीतिक रूप से कमजोर होने की वजह से इन्हें नजरअंदाज किया जाता रहा है. अब जब ये आगे बढ़ रहे हैं तो कुछ ताकते इन्हें रोकने की नापाक कोशिश कर रही है, लेकिन हमने इन्हें मजबूत करने का जो संकल्प ले रखा है, उससे नहीं डिगेंगे. चाहे परिस्थितियों कैसी भी हों, इन्हें मजबूत करने के रास्ते पर चल पड़े हैं और कदम नहीं थमेंगे.

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साढ़े तीन वर्षों में विकास की लंबी लकीर खींची है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार के गठन के बाद कोरोना महामारी और सुखाड़ का सामना करना पड़ा. कोरोना काल के हालात से हम सभी वाकिफ हैं, लेकिन, हमारी सरकार ने इस वैश्विक बीमारी के खिलाफ जारी जंग के बीच भी विकास कार्यों को जारी रखा. आज हर वर्ग और हर तबके के लिए सरकार की योजनाएं हैं. पिछले साढ़े तीन वर्षों में तमाम चुनौतियों के बीच हमारी सरकार ने विकास की एक लंबी लकीर खींची है. यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा जिस तरह यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत सभी बुजुर्गों दिव्यांगों एकल महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, उसी तरह अब सभी बेघर को पक्का मकान देने का निर्णय सरकार ने लिया है. बहुत जल्द अबुआ आवास योजना की शुरुआत होगी , ताकि लोगों के अपने घर का सपना साकार हो सके.

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यहां के बच्चों के विदेश में पढ़ने के सपने को कर रहे साकार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब यहां के आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों का विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना साकार हो रहा है. सरकार विद्यार्थियों के विदेश में पढ़ाई का पूरा खर्च वहन कर रही है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि सरकार की सहायता से विदेश में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के साथ किसी प्रकार की कोई शर्त नहीं रखी गई है. वे विदेश से पढ़ कर अपना, अपने परिवार, समाज, राज्य और देश का नाम रोशन करें, यही हमारी उनसे उम्मीद है.

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अभिभावक सिर्फ बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें, खर्च की चिंता नहीं करें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शिक्षा की बेहतरी पर सरकार का विशेष जोर है. इस सिलसिले में उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं. छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी की गई है. बच्चियों के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर मेडिकल-इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकार सहायता दे रही है. बच्चों का बेहतर भविष्य बने, इस दिशा में हम कम कर रहे हैं. हमारा अभिभावकों से कहना है कि वे अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ाएं, खर्च की चिंता नहीं करें. सरकार मदद करेगी.

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मानकी-मुंडा व्यवस्था को कर रहे मजबूत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मानकी-मुंडा पारंपरिक व्यवस्था जनजाति समुदाय की मजबूत कड़ी है. यह समाज के पुरोधा हैं. इस व्यवस्था को हम और मजबूती दे रहे हैं, ताकि समाज को इनका लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल सके. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उनके बीच मोटरसाइकिल वितरित की.

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95 योजनाओं की रखी गई आधारशिला, 31 का उद्घाटन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 406 करोड़, 11 लाख, 58 हज़ार 3 सौ रुपए की लागत से 126 योजनाओं का उद्घाटन – शिलान्यास किया। इसमें 367 करोड़ 99 लाख 15 हज़ार रुपए की लागत वाली 95 योजनाओं की नींव रखी गई. वहीं, 38 करोड़ 12 लाख 43 हज़ार 3 सौ रुपए की 31 योजनाओं का उद्घाटन हुआ. 25 लाभुकों के बीच 23 लाख 35 हज़ार 636 रुपये की परिसंपत्तियां बांटी गई. जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 7 लाख 38 हज़ार 962 लाभुकों के बीच 282 करोड़ 27 लाख 35 हज़ार 4 सौ रुपए की परिसंपत्तियां वितरित की जा चुकी हैं.

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इनका किया गया शिलान्यास

पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न प्रखंडों में 91 आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया. मनोहरपुर और जगन्नाथपुर के आईटीआई में हॉस्टल का शिलान्यास किया गया. 6 स्वास्थ्य उप केंद्र भवन निर्माण का शिलान्यास किया गया. टोंटो औऱ झींकपानी में स्टेडियम निर्माण का शिलान्यास किया गया. मझगांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण तथा चाईबासा सदर में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का शिलान्यास किया गया.

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इनका किया गया उद्घाटन

चाईबासा सदर के बिरसा मुंडा इंडोर स्टेडियम में एयर कंडीशंड जिम का उद्घाटन किया गया. तांतनगर और गोयलकेरा प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, पर्यवेक्षक और अन्य कर्मचारियों के आवास निर्माण तथा प्रखंड परिसर के विकास संबंधी कार्य का उद्घाटन किया गया. बंदगांव, गोईलकेरा, सोनुवा, नोवामुंडी, चाईबासा सदर, तांतनगर, चक्रधरपुर और खूंटपानी में सोलर कोल्ड स्टोरेज का उद्घाटन किया गया. विभिन्न प्रखंडों में आठ धुमकुड़ियां हाउस निर्माण का उद्घाटन किया गया. चक्रधरपुर और बंदगांव में 33/11 केवी विद्युत शक्ति उप केंद्र का उद्घाटन किया गया.

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शहादत दिवस पर ये थे मौजूद

शहादत दिवस कार्यक्रम में मंत्री चंपई सोरेन और जोबा मांझी, सांसद गीता कोड़ा, विधायक निरल पूर्ति, दीपक बिरुवा, दशरथ गगराई और सोनाराम सिंकू, जिला परिषद अध्यक्ष, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त एवं डीआईजी के अलावा पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक समेत जिला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे.

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