Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में ओवैसी दिखाएंगे दम, जानिए मुस्लिम वोटर्स पर कितना पड़ेगा असर?

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार अरविंद केजरीवाल के साथ ही असदुद्दीन ओवैसी भी अपना दम दिखाएंगे. AIMIM का दावा है कि गुजरात की जनता बदलाव चाहती है और अब उनका कांग्रेस पर भरोसा रहा नहीं.

By Samir Kumar | October 25, 2022 10:45 PM
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Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में इस बार अरविंद केजरीवाल के साथ ही असदुद्दीन ओवैसी भी अपना दम दिखाएंगे. बताते चलें कि गुजरात में अभी तक मुख्य तौर पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होता आ रहा है. हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के भी चुनावी मैदान में उतरने को लेकर सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है.

क्षेत्रीय नेताओं के इस कदम से बीजेपी-कांग्रेस में बढ़ी हलचल

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो बीते कुछ वर्षों में छोटे दल विशेष कर आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम राष्ट्रीय राजनीति में दखल बनाने की कोशिश में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि 2024 के आम चुनाव से पहले इनके साथ ही कई अन्य दल अभी से ही प्लानिंग कर रहे है. इसी कड़ी में ऐसे दलों ने राजनीति में अपनी सक्रियता बढ़ा दी हैं, जो किसी न किसी राज्य की सत्ता में हैं. राष्ट्रीय पहचान बनाने की कोशिश में जुटे ये दल राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार कर रहे हैं और अपने प्रदेश के विकास कार्यों को अन्य राज्यों में भुनाने का प्रयास कर रहे है, ताकि उनकी लोकप्रियता में इजाफा हो सकें.

अरविंद केजरीवाल ने झोंकी पूरी ताकत

दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी आम आदमी पार्टी की नजर अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर भी है. बताते चलें कि आम आदमी पार्टी ने यूपी, गोवा और उत्तराखंड में भी चुनाव लड़ा था. हालांकि, पार्टी का ज्यादा फायदा नहीं मिला. अब गुजरात और हिमाचल चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल ने पूरी ताकत झोंक दी है.

AIMIM का दावा, गुजरात में मिल रहा समर्थन

इधर, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेताओं का दावा है कि बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले और पीएम मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के घर गुजरात में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों के अलावा एआईएमआईएम भी पूरी ताकत से उतरेगी. यह भी दावा किया गया कि गुजरात कांग्रेस के कुछ सांसद और विधायक उनके संपर्क में हैं. ओवैसी की पार्टी का दावा है कि गुजरात की जनता बदलाव चाहती है और अब उनका कांग्रेस पर भरोसा रहा नहीं. इस कारण उनका समर्थन एआईएमआईएम को मिलने की पूरी संभावना है. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात में अब तक पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं, कुछ और सीटों के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान जल्द किया जाएगा. बताया जा रहा है कि एआईएमआईएम पूरी ताकत से गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली है. असदुद्दीन ओवैसी के निशाने पर गुजरात के मुस्लिम वोटर हैं और वे इनको रिझाने के लिए वे एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

किसको होगा नुकसान?

अब सवाल यह उठ रहा है कि ओवैसी और केजरीवाल के गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने से किस दल का नुकसान पहुंचेगा. राजनीति के जानकारों के एक गुट का कहना है कि इन पार्टियों के विस्तार से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा. जब एक साथ कई राजनीतिक पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग दम दिखाने की कोशिश करेंगी तो विपक्ष भी कमजोर होगा और इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. वहीं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि जिन राज्यों में बीजेपी सत्ता में है और कांग्रेस इकलौती विपक्षी पार्टी वहां ये दल विकल्प के रूप में खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की निष्क्रियता का इन्हें फायदा मिल सकता है. वहीं, ऐसे वोटर्स जो बीजेपी का विकल्प तलाश रहे हैं, उनके लिए एक विकल्प के रूप में इन दलों का चुनाव किया जा सकता है.

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