Gujarat Election 2022: 27 साल की उम्र में विधायक बने थे हर्ष संघवी, जानिए इनके बारे में सबकुछ
Gujarat Election 2022: हर्ष संघवी वर्तमान में गुजरात के गृह राज्य मंत्री है. बीजेपी के टिकट पर हर्ष सांघवी 2012 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. उनकी संगठनात्मक क्षमताओं ने पीएम मोदी को काफी प्रभावित किया है.
Gujarat Election 2022: हर्ष संघवी वर्तमान में गुजरात के गृह राज्य मंत्री है. बीजेपी के टिकट पर हर्ष सांघवी 2012 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. वह पहली बार माजुरा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. उस वक्त उनकी उम्र मात्र 27 साल थी. इसके बाद, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी हर्ष संघवी माजुरा निर्वाचन क्षेत्र से एक बार विधायक चुने गए.
गुजरात में सबसे अधिक पसंदीदा युवा चेहरों में हर्ष संघवी शामिल
हर्ष संघवी 2010 से बीजेपी युवा मोर्चा के राज्य प्रमुख बने. इससे पहले, हर्ष संघवी ने वर्तमान में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद पूनम महाजन के साथ भी काम किया है. उस वक्त बीजेपी के ये दोनों प्रमुख नेता भारतीय जनता पार्टी युवा इकाई के अध्यक्ष थे. कोविड महामारी के दौरान एक विधायक के तौर पर हर्ष संघवी के काम, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मेलों के आयोजन तथाा अपने निर्वाचन क्षेत्र में बुक बैंक स्थापित करने के फैसले और आदिवासी क्षेत्रों में किए गए उनके कार्यों ने उन्हें गुजरात बीजेपी में सबसे अधिक पसंदीदा युवा चेहरों में एक बना दिया.
बीजेपी आलाकमान के विश्वस्तों में शामिल है हर्ष संघवी
हर्ष संघवी लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचे थे, जहां वे एक बैकरूम बॉय भी थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों से पहले उन्होंने भारतीय प्रवासियों के साथ संपर्क स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी कारण उन्हें पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के मौजूदा गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के विश्वस्त सहयोगियों में एक बना दिया. हर्ष संघवी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सीआर पाटिल के मार्गदर्शन में सूरत में पीएम मोदी के रोड शो को आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई थी.
जानिए गुजरात में क्यों यूथ आइकन है हर्ष संघवी
गुजरात बीजेपी के प्रमुख नेताओं की मानें तो हर्ष सांघवी की संगठनात्मक क्षमताओं ने पीएम मोदी को काफी प्रभावित किया है. बताया जाता है कि हर्ष सांघवी ने कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान कई ऐसे सामाजिक कार्य भी किए, जिन्हें सराहा गया. इसी के साथ हर्ष संघवी ने अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों के लिए बुक बैंक स्थापित करने का फैसला लिया, जो किताबें खरीदने में सक्षम नहीं है. इसके अलावा, हर साल किए जाने वाले रोजगार मेलों के आयोजन ने हर्ष सांघवी को गुजरात में एक यूथ आइकन बना दिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि सांघवी की तरफ से युवाओं और आदिवासियों के लिए किया गया काम ही उनकी सफलता का कारण है.