गुलांचो कुमारी की खोरठा कविताएं- ठाकुरेक कुंइया, लेठन और नाय करबउ बिहा
गुलांचो कुमारी की तीन खोरठा कविताएं - ठाकुरेक कुंइया, लेठन और नाय करबउ बिहा इस साल प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हुई है. इन कविताओं को आप यहां पढ़ें...
ठाकुरेक कुंइया
चुल्हा माटिक
माटी पोखइरेक
पोखइर ठाकुर कर।
भुख रोटिक
रोटी बाजराक
बाजरा खेतेक
खेत ठाकुर कर।
गरु ठाकुरेक
हार ठाकुरेक
हारेक मुठिइं हाथ आपन
फसल ठाकुर कर।
कुंइया ठाकुरेक
पानी ठाकुरेक
खेत खलिहान ठाकुरेक
कोची -बखरी ठाकुरेक
फइन आपन की?
गांव?
सहर?
देस?
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लेठन
आवा सुनइबोन फुच फुच
लेठनेक बेजाइं बेजाइं रूप
जाही जखन बोन मांय
सुरकी रपोइच कोन्हो पतय
लेही काठी बोझा मुड़ीइं उठाइ
जखन मइसल धान लानही खरय ले
मुंठा भइर पोराक अइंठ देही गोल घुराइ
ओकरे उपर लेही दुगो खांची तेंगराइ
जाही जखन कुंइया लाने पानी
गमछा तुरइप लेही चांड़ेचाड़़
लानही तीन डेगची उठाई
बइसाखें बनही भगताइन जखन आरवा सुताक लेठन लेही लेपटाइ
बोन से धानेक बीड़ा तक
काठीक बोझा से
कुंइया ले पानी लाने तक
खरय ले खांची बोहे तक
चड़क परब से जिनगिक करम करे तक
लेठन,पतय लेठन
पोरोक लेठन
चेछताक लेठन
गमछाक लेठन
आरवा सुताक लेठन
में बदलइत रहे हे।
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नाय करबउ बिहा
मांय, हाम नाय करबउ बिहा
तोंय कतनो कइर ले तिहा।
नाय धोइबउ संयाक गोड़
पइढ़ लिइख हाम्हुं बनबउ बोड़
मास्टर बनबउ,ओकिल बनबउ
बनबउ हड़जोड़वा
दिन राइत पढ़बउ मांय
पढ़े चइल जिबो सहरवा
सानिया जइसन टेनिस खेलबउ
दीपिका दीदी के फेल करबउ
कलपना से भी आगु जइबउ
झांझर सिछाक बगिया महकइबउ
अगो मांय,एक मोउका दे
नाय कर हामर मन झान
एके कोइखेक लागि दुयो
ददाक अंग्रेजी गियान
हामरा की ले सिंदरादान!
मांय,अगो मांय!!
जलदिये नोकरी करबउ
ददा से बेसी कचा कमइबउ
गरब करबें तोंय
एतना कुलेक नाम जगइबउ
मांय,हाम नाय करबउ बिहा
तोंय कतनो कइर ले तिहा।
बिहाक बाद परतिभा जाहो नुकाइ
चुल्हा फुंकते सब जाहो झोंकाइ
मांय हाम नाय करबउ बिहा
ऐहे हो हामर जबर परतिगियां।
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संपर्क : C/O – दिनेश्वर महतो, चरही बाजारटांड़, ओवरब्रीज के सामने, थाना -चरही, जिला -हजारीबाग-825336, झारखंड