Gupt Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि का महत्व जानें, धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

Gupt Navratri 2022: साल भर में 4 नवरात्रि पड़ती है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रमुख रूप से मनाए जाते हैं. इसके अलावा माघ और आषाढ़ मास में भी नवरात्रि आते हैं, इन दोनों माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2022 5:18 PM

Gupt Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की उपासना की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में माता की उपासना से कई गुना अधिक फल मिलता है. ज्योतिष के अनुसार आर्थिक समस्या का सामना कर रहे लोग यदि गुप्त नवरात्रि में कुछ उपाय करें तो उनकी धन संबंधी समस्या दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है.

धन प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि में करें ये काम

  • माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज शाम के वक्त मां लक्ष्मी की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं. साथ ही श्रीसूक्त का पाठ करें. पूजा के समय दोनों वक्त ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ज्वल हं सं लं फट् स्वाहा’ इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी दिन कच्चे सूत को हल्दी से रंगकर पीला कर लें. इसके बाद इसे मां लक्ष्मी को समर्पित करके गले में धारण करने से बिजनेस में धन लाभ का योग बनता है.

  • स्नान करके प्रतिदिन सुबह मां दुर्गा की पूजा करें. पूजन के वक्त माता को लाल फूल चढ़ाएं. इसके बाद उनके सामने सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. मां से कर्ज से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए.

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान लाल आसन पर बैठकर माता की उपासना करनी चाहिए. लाल कपड़े में 9 लौंग रखकर पूरे नौ दिन माता को चढ़ाएं. रोजाना कपूर से माता की आरती करें. नवरात्रि समाप्त होने के बाद सारे लौंग लाल कपड़े में बांधकर सुरक्षित रख लें. इससे धन की समस्या दूर होती है.

गुप्त नवरात्रि का महत्व जानें

गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की शक्ति पूजा एवं अराधना अधिक कठिन होती है और माता की पूजा गुप्त रूप से की जाती है, यही कारण है कि इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं. चैत्र या शारदीय नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जाता है. गुप्त नवरात्रि में भी अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत पूर्ण होता है. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं के पूजन के दौरान अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है.

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