Gupt Navratri 2024: धनिष्ठा नक्षत्र व जयद् योग में इस दिन से शुरू होगा गुप्त नवरात्रि

Gupt Navratri 2024: वरीयान योग में शिशिर नवरात्र यानी गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहा है. यह नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होकर 19 फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगा. श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे. घरों एवं मंदिरों में कलश की स्थापना तथा शक्ति की उपासना होंगी.

By Shaurya Punj | February 1, 2024 3:36 PM

Gupt Navratri 2024: माघ शुक्ल प्रतिपदा 10 फरवरी (शनिवार) को धनिष्ठा नक्षत्र व वरीयान योग में शिशिर नवरात्र यानी गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहा है. यह नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होकर 19 फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगा. श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे. घरों एवं मंदिरों में कलश की स्थापना तथा शक्ति की उपासना होंगी.

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गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना की प्रधानता होती है. इस नवरात्र में श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों में वृद्धि करने के लिए उपवास, संयम, नियम, भजन, पूजन योग साधना आदि करते हैं. तंत्र और शाक्त मतावलंबी साधना के दृष्टि से गुप्त नवरात्रों के कालखंड को बहुत सिद्धिदायी मानते हैं.

दुर्लभ संयोग में 10 से शुरू होंगे गुप्त नवरात्रि

शिशिर नवरात्र में ग्रह-गोचरों का अति पुण्यकारी संयोग बन रहा है, जो श्रद्धालुओं के मनोकामना पूर्ति करने वाला होगा. इस नवरात्र में पांच रवियोग, दो सर्वार्थ सिद्धि, चार जयद् योग, दो सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग, एक त्रिपुष्कर व सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है.

देवी दुर्गा के पाठ से रोग-शोक से मुक्ति

गुप्त नवरात्र में बनने वाले सिद्धिदायी योग में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी होगा. नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है. व्यवसाय में वृद्धि, रोजगार, रोग निवारण आदि मनोकामनाओं के लिए इस नवरात्र में देवी की आराधना की जाती है.

दस महाविद्याओं की होगी साधना

इस गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की साधना की जाती है. विशेष तौर पर तंत्रोक्त क्रियाओं, शक्ति साधनाओं और महाकाल से जुड़े साधकों के लिये यह नवरात्र विशेष महत्व रखता है. देवी के सोलह शक्तियों की प्राप्ति के लिये यह पूजन करते हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्र

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

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