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Guru Margi: देव गुरु बृहस्पति होने जा रहे मार्गी, साल 2024 की शुरुआत मेष समेत इन 7 राशि वालों के लिए बेहद खास

Guru Margi 2023: देव गुरु बृहस्पति को स्वभाव से उग्र, महान, दयालु, फल प्रदान करने वाले, प्रसन्नचित्त, सकारात्मक और सम्मानित माना गया है. गुरु ग्रह उच्च शिक्षा के साथ-साथ न्यायाधीशों, काउंसलर, बैंकर, धर्म गुरुओं आदि से जुड़े क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

By Radheshyam Kushwaha | December 12, 2023 9:25 AM

Guru Margi 2023: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की वक्री और मार्गी दोनों ही स्थितियों को महत्वपूर्ण माना जाता है. नए साल की शुरुआत होने से एक दिन पहले 31 दिसंबर 2023 की सुबह 07 बजकर 08 मिनट पर देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति मार्गी होने जा रहे हैं. गुरु ग्रह की यह स्थिति आपको उन सभी समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति दिलाने का काम करेगी, जिसका सामना आपको इनकी वक्री अवस्था के दौरान करना पड़ रहा था. देव गुरु बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होने जा रहे है. देव गुरु के मार्गी होने से सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अवगत कराएगा. गुरु ग्रह को अपना राशिचक्र पूरा करने में 12 सालों का समय लगता है. बृहस्पति ग्रह को स्वभाव से उग्र, महान, दयालु, फल प्रदान करने वाले, प्रसन्नचित्त, सकारात्मक और सम्मानित माना गया है. गुरु ग्रह उच्च शिक्षा के साथ-साथ न्यायाधीशों, काउंसलर, बैंकर, धर्म गुरुओं और फिल्म आदि से जुड़े क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं. बृहस्पति को कुंडली में संतान के कारक ग्रह माना जाता है, जो कि मीन और धनु राशि के स्वामी भी हैं. यह कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीच के होते हैं. गुरु के संबंध सूर्य, चंद्रमा और मंगल के साथ मित्रवत हैं, जबकि बुध और शुक्र के साथ यह शत्रुता के भाव रखते हैं. मेष राशि राशिचक्र की पहली राशि है, जिसके अधिपति देव मंगल हैं. मेष राशि एक उग्र और स्वभाव से पुरुष राशि है. गुरु ग्रह के लिए मेष मित्र राशि है, क्योंकि इस राशि के स्वामी मंगल और बृहस्पति एक-दूसरे के मित्र हैं.

मेष राशि के जातक गुरु ग्रह आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं. देव गुरु आपके लग्न भाव में मार्गी होने जा रहे हैं. मेष राशि वालों की कुंडली के लग्न भाव में बृहस्पति की मौजूदगी आपको आत्मसंदेह और कंफ्यूज़न जैसी समस्याओं से बाहर निकालने का काम करेगी. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी अवस्था के दौरान आप स्वयं के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होंगे. गुरु ग्रह की मार्गी चाल के प्रभाव से आप परिपक्व होंगे. बृहस्पति आपके बारहवें भाव के स्वामी भी हैं, जो कि आपको स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकते हैं. आप अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह रहेंगे, तो आपके वजन में बढ़ोतरी हो सकती है. लग्न/पहले भाव में बैठे बृहस्पति की दृष्टि आपके पांचवें भाव, नौवें भाव और सातवें भाव पर पड़ रही होगी. पांचवें भाव पर बृहस्पति की दृष्टि मेष राशि के उन छात्रों के लिए फलदायी रहेगी जो उच्च शिक्षा या मास्टर की पढ़ाई करना चाहते हैं. शादीशुदा लोगों के जीवन में चल रही परेशानियों का अब अंत होगा.

वृषभ राशि वालों की कुंडली में देव गुरु बृहस्पति को आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है. देव गुरु बृहस्पति आपके बारहवें भाव में मार्गी हो जाएंगे. बृहस्पति आपके बारहवें भाव में मार्गी होंगे, जो आपके लिए राहत लेकर आएंगे. देव गुरु बृहस्पति के मार्गी होने से वृषभ राशि के लोगों को लीवर, डायबिटीज और महिलाओं को हार्मोन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में गुरु ग्रह का बारहवें भाव में गोचर आपके धन से जुड़े मामलों के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है. बृहस्पति देव आपके बारहवें भाव से चौथे भाव, छठे भाव और आठवें भाव को देख रहे होंगे. आपके चौथे भाव पर बृहस्पति की दृष्टि उन लोगों के लिए फलदायी रहेगी जो नया घर या नई संपत्ति खरीदना चाहते हैं. गुरु की सातवीं दृष्टि आपके छठे भाव पर पड़ने से आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

मिथुन राशि के जातक के लिए बृहस्पति देव आपके दसवें भाव और सातवें भाव के स्वामी हैं. देव गुरु आपके ग्यारहवें भाव में मार्गी होंगे. कुंडली में ग्यारहवां भाव धन लाभ, इच्छाओं, बड़े भाई-बहन और मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होकर उन समस्याओं का अंत करेंगे जिनका सामना आपको अपने वैवाहिक जीवन के साथ-साथ पेशेवर जीवन में करना पड़ रहा है. बिजनेस में निवेश और मुनाफे की वजह से आपको पार्टनर के साथ जिन भी गलतफ़हमियों और असहमति का सामना करना पड़ रहा था, वह बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होने से दूर हो जाएंगी. बृहस्पति मार्गी के दौरान ग्यारहवें भाव में बैठकर आपके तीसरे भाव, पांचवें भाव और सातवें भाव को देख रहे होंगे. गुरु ग्रह की पांचवीं दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ रही होगी जिसके प्रभाव से आपका संचार कौशल प्रभावशाली बनेगा, जो जातक वैवाहिक जीवन में समस्याओं से जूझ रहे थे, अब उन सभी परेशानियों से आपको राहत मिल जाएगी.

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कर्क राशि वालों के लिए गुरु ग्रह आपके छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं. देव गुरु आपके नाम, प्रसिद्धि, सामाजिक छवि और करियर के भाव यानी कि दसवें भाव में मार्गी होने जा रहे है, जिससे आपकी व्यापार से जुड़ी समस्याओं को दूर करेंगे. वहीं जो जातक नौकरी में बदलाव करना चाहते हैं या नौकरी में बदलाव के इच्छुक हैं, अब वह सही फैसला लेने में सक्षम होंगे. बृहस्पति आपके दसवें भाव में बैठकर दूसरे भाव, चौथे भाव और छठे भाव को देख रहे होंगे. आपकी बचत और बैंक-बैलेंस दोनों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. वहीं, चौथे भाव पर गुरु की दृष्टि होने से आपके घर का वातावरण खुशियों से भरा रहेगा. बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी, जो कि आपको स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकती हैं.

सिंह राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति को पांचवें और आठवें भाव का आधिपत्य प्राप्त है. देव गुरु आपके नौवें भाव में मार्गी हो रहे हैं. कुंडली में नौवां भाव धर्म, पिता, गुरु, लंबी दूरी की यात्रा, भाग्य और तीर्थ स्थल आदि का प्रतिनिधित्व करता है. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होकर सिंह राशि वालों के जीवन में राहत लेकर आने का काम कर सकते हैं. यदि आप प्रेम जीवन, शिक्षा या बच्चों को लेकर कुछ परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो यह समस्याएं अब खत्म हो जाएंगी. पिछले कुछ समय से अगर आप अपनी धार्मिक मान्यताओं के चलते कुछ समस्याओं का सामना कर रहे थे, तो अब वह दूर होंगी. बृहस्पति देव आपके नौवें भाव में मौजूद होंगे और इनकी दृष्टि आपके लग्न भाव, तीसरे भाव और पांचवें भाव पर होगी. आपके लग्न भाव पर गुरु की पांचवीं दृष्टि पड़ रही होगी. ऐसे में बृहस्पति मार्गी होकर आपके व्यक्तित्व में परिपक्वता और सकारात्मकता देने का काम करेंगे.

कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह आपके चौथे भाव और सातवें भाव के स्वामी हैं, जो आपके आठवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं. कुंडली में आठवां भाव लंबी उम्र, अचानक से होने वाली घटनाओं और गूढ़ विज्ञान का भाव होता है. देव गुरु कन्या राशि के उन जातकों को राहत प्रदान करेंगे जिन्हें अपने घरेलू और शादीशुदा जीवन में समस्याओं से गुजरना पड़ रहा था. कन्या राशि के पुरुषों को अपनी मां और पत्नी के बीच चलने वाली तकरार से मुक्ति मिलेगी. कन्या राशि के जातक जो विवाह के बंधन में बंधने के लिए योग्य जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में अच्छा पार्टनर तो मिल जाएगा. आठवें भाव में गुरु ग्रह की मौजूदगी आपके जीवन में अनिश्चितताओं को बढ़ाने का काम कर सकती है बृहस्पति देव की दृष्टि आठवें भाव से आपके बारहवें भाव, दूसरे भाव और चौथे भाव पर पड़ रही होगी. वहीं, बृहस्पति देव की सातवीं दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही होगी और यह आपके बैंक-बैलेंस तथा बचत में वृद्धि करने का काम करेगी, जब देव गुरु अपनी नौवीं दृष्टि से आपके चौथे भाव को देखेंगे तो आपके लिए नया घर, नया वाहन या कोई संपत्ति खरीदने के भी योग बनेंगे.

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तुला राशि के जातक के लिए देव गुरु ग्रह आपके तीसरे और छठे भाव का स्वामित्व प्राप्त है. देव गुरु आपके सातवें भाव में मार्गी हो जाएंगे. कुंडली में सातवां भाव विवाह और पार्टनरशिप आदि को दर्शाता है. तुला राशि वालों के लिए बृहस्पति को मित्र ग्रह नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके लग्न भाव के स्वामी शुक्र के प्रति शत्रुता के भाव रखते हैं. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी हो रहे हैं, जो कि आपके लिए फलदायी नहीं रहने की आशंका है. देव गुरु आपको उन समस्याओं से राहत दिलाएंगे, जिनका सामना आप वैवाहिक जीवन या बिज़नेस पार्टनरशिप में कर रहे है. देव गुरु की दृष्टि आपके सातवें भाव से ग्यारहवें भाव, पहले भाव और तीसरे भाव पर पड़ रही होगी. बृहस्पति की दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव पर होगी जो कि धन से जुड़े मामलों और निवेश आदि के लिए अच्छी रहेगी. आपको पैसे उधार देन-लेन को लेकर सतर्क रहना होगा. क्योंकि देव गुरु आपके छठे भाव के स्वामी भी हैं. वहीं, तीसरे भाव पर गुरु ग्रह की दृष्टि आपके बातचीत करने के तरीके को प्रभावशाली बनाएगी.

वृश्चिक राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति देव दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं. देव गुरु आपके शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और मामा के भाव यानी कि छठे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं. बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होकर वृश्चिक राशि वालों को मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं. अगर आप धन और परिवार से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे है, तो गुरु ग्रह की मार्गी चाल आपको उनसे राहत दिलाएगी. वृश्चिक राशि के विवाहित जातक शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है. देव गुरु बृहस्पति आपके छठे भाव में बैठकर आपके दसवें भाव, बारहवें भाव और दूसरे भाव को देख रहे होंगे, जिससे पेशेवर जीवन के लिए अच्छी रहेगी. आपके दूसरे भाव पर बृहस्पति की नौवीं दृष्टि बचत और बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी करवाने का काम करेगी, इसके अलावा परिवार के सदस्यों के साथ भी आपके रिश्ते प्रेम पूर्ण बनेंगे.

धनु राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं. देव गुरु बृहस्पति आपके शिक्षा, प्रेम संबंध और बच्चों के भाव यानी कि पांचवें भाव में मार्गी हो रहे हैं. देव गुरु बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होकर आपके जीवन में राहत प्रदान करेंगे. यदि आप स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे है तो अब इसका अंत हो जाएगा. बृहस्पति के मार्गी होने से उनका प्रदर्शन पढ़ाई में अच्छा रहेगा. इसके अलावा, प्रेम जीवन में भी प्रेम बढ़ेगा. देव गुरु बृहस्पति मेष राशि में मार्गी के दौरान आपके पांचवें भाव से आपके नौवें भाव, ग्यारहवें भाव और लग्न भाव को देख रहे होंगे. बृहस्पति की पांचवीं दृष्टि आपके नौवें भाव पर होगी, इस दौरान देव गुरु आपके हर कदम पर आपका साथ देंगे. इस अवधि में आपका झुकाव अध्यात्म के प्रति होगा और आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए दिखाई देंगे. देव गुरु की सातवीं दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव पर होगी, जिससे आपको निवेश के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे. वहीं लग्न भाव पर बृहस्पति की नौवीं दृष्टि पड़ रही होगी, जो कि आपके स्वास्थ्य और व्यक्तित्व दोनों को अच्छा बनाने का काम करेगी.

मकर राशि वालों की कुंडली में देव गुरु बृहस्पति को बारहवें भाव और तीसरे भाव का स्वामित्व प्राप्त है. देव गुरु आपके चौथे भाव में मार्गी हो रहे हैं. कुंडली में चौथा भाव पारिवारिक माहौल, माता, भूमि, घर और वाहन आदि का प्रतिनिधित्व करता है. देव गुरु बृहस्पति मार्गी होकर मकर राशि वालों को मिले-जुले परिणाम प्रदान करेंगे, इस दौरान हानि का योग है. लेकिन, गुरु एक लाभकारी ग्रह है. आप किसी छोटी दूरी की यात्रा या फिर विदेश यात्रा पर धन खर्च करते हुए दिखाई दे सकते हैं. अगर छोटे भाई-बहनों के साथ आपका कोई विवाद चल रहा था, तो बृहस्पति मेष राशि में मार्गी की अवधि में वह दूर हो जाएगा. चौथे भाव में बैठ कर बृहस्पति की दृष्टि आपके आठवें भाव, दसवें भाव और बारहवें भाव पर पड़ रही होगी. मकर राशि के जातक के लिए गुरु की पांचवीं दृष्टि आठवें भाव पर होने से यह आपके जीवन में अनिश्चितता लाने का काम कर सकती है. गुरु अपनी सातवीं दृष्टि से आपके दसवें भाव को देख रहे होंगे, जिससे यह आपको पेशेवर जीवन में तरक्की देने का काम करेंगे.

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कुंभ राशि वालों के लिए बृहस्पति आपके ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं. देव गुरु आपके तीसरे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं. कुंडली में तीसरा भाव साहस, भाई-बहन और छोटी दूरी की यात्राओं आदि का प्रतीक माना जाता है. आपकी आर्थिक स्थिति के लिए गुरु ग्रह की मार्गी चाल फलदायी कही जाएगी. क्योंकि बृहस्पति आपके वित्तीय भाव को नियंत्रित करते हैं, इसलिए पैसों से जुड़े मामलों का नियंत्रण गुरु ग्रह के हाथ में होगा. आपकी आर्थिक तंगी दूर होगी. धन लाभ का योग बनेगा. आपके तीसरे भाव से बृहस्पति देव की दृष्टि आपके सातवें भाव, नौवें भाव और ग्यारहवें भाव पर पड़ रही होगी. गुरु ग्रह की पांचवी दृष्टि आपके सातवें भाव पर होगी और यह आपके वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल रहने की संभावना है. इस राशि के अविवाहित जातकों के विवाह के योग बनेंगे. बृहस्पति की सातवीं दृष्टि आपके नौवें भाव पर होने से आपकी रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी.

मीन राशि वालों के लिए गुरु ग्रह आपके दसवें भाव और लग्न भाव के स्वामी हैं. बृहस्पति आपके दूसरे भाव यानी कि वाणी, बचत एवं परिवार आदि के भाव में मार्गी हो रहे हैं. आपके लिए बृहस्पति मेष राशि में मार्गी की स्थिति को अच्छा कहा जाएगा. क्योंकि यह आपके लग्न भाव के स्वामी हैं, जो कि आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करेंगे. देव गुरु दसवें भाव के स्वामी होने के नाते आपके पेशेवर जीवन में चल रही बाधाओं को दूर करेंगे. आपको सभी तरह के कष्टों से मुक्ति दिलाएंगे. वहीं, दूसरे भाव में बैठे गुरु ग्रह की दृष्टि आपके छठे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव पर होगी. बृहस्पति की पांचवीं दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी जो कि अनुकूल साबित होगी. आपको इस दौरान अपनी सेहत पर ध्यान रखना होगा. गुरु अपनी सातवीं दृष्टि से आपके आठवें भाव को देखेंगे. आपके जीवन में अनिश्चितताओं में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इस समय में पार्टनर के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में भी वृद्धि होगी. बृहस्पति देव अपनी नौवीं दृष्टि से आपके दसवें भाव को देख रहे होंगे, जिससे आपको कार्यक्षेत्र के संबंध में कई सुनहरे अवसर प्रदान करेंगे.

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