Guru Margi 2024: देव गुरु बृहस्पति 118 दिन बाद अब चलेंगे सीधी चाल, इन्हें होगा लाभ और करियर में मिलेगी तरक्की
Guru Margi 2024: देव गुरु बृहस्पति 118 दिन बाद अपनी चाल बदलने जा रहे है. देव गुरु के मार्गी होने से कई लोगों के जीवन में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा. क्योंकि देव गुरु की वक्री और मार्गी दोनों ही स्थितियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
Guru Margi 2024: ज्योतिष में देव गुरु बृहस्पति को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. देव गुरु बृहस्पति 31 दिसंबर को मार्गी हो रहे हैं. फिलहाल देव गुरु बृहस्पति वक्री यानि उल्टी चाल चल रहे है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 118 दिन बाद 31 दिसंबर को मार्गी होकर देव गुरु बृहस्पति सीधी चाल चलेंगे. आपकी कुंडली में संतान, फाइनेंस, विवाह, शिक्षा, इनकम और मान-सम्मान स्टेटस सभी गुरु की स्थिति पर ही निर्भर करती है. मार्गी गुरु आपकी कुण्डली में बहुत सारे बदलाव लाने वाले हैं. ये बदलाव सकारात्मक या नकारात्मक भी हो सकते हैं. देव गुरु के उल्टी चाल चलने के कारण जो जातक 118 दिनों से परेशान था, अब उन लोगों को विशेष लाभ मिलने वाला है.
देव गुरु बृहस्पति कब होंगे मार्गी
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की वक्री और मार्गी दोनों ही स्थितियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इस साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर 2023 की सुबह 07 बजकर 08 मिनट पर देवताओं के गुरु बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होने जा रहे हैं. गुरु ग्रह का मार्गी होना कई राशि के जातक के लिए राहत भरा रहने वाला है, जिन राशि के जातक गुरु के वक्री होने पर समस्याओं का सामना कर रहे थे, उन्हें गुरु के मार्गी होने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.
धनु और मीन राशि का स्वामी हैं देव गुरु बृहस्पति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देव गुरु बृहस्पति के मार्गी होने से कई राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव जरूर पड़ेगा. ऐसे में नए साल में कुछ राशियों को संभलकर रहने की जरूरत होगी, तो कुछ राशियों को विशेष लाभ मिल सकता है. बता दें कि गुरु धनु और मीन राशि का स्वामी है, इसके साथ ही कुंडली में देव गुरु को भाग्य, ऐश्वर्य, संतान, विवाह, धार्मिक कार्य, दान-पुण्य आदि का कारक माना जाता है. गुरु बृहस्पति की कृपा से व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती है.
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कुंडली में कमजोर गुरु के लक्षण
कमजोर बृहस्पति के कारण व्यक्ति को समाज में वास्तविक प्रसिद्धि नहीं मिल पाती है. व्यक्ति आसानी से दूसरों पर हावी हो जाता है. गुरु बल के अभाव में जातक दूसरे को समझाने में कठिनाई महसूस करता है, इसके साथ ही बालों के झड़ने या बालों के झड़ने की नियमित समस्या से गुजरता है. कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति को आंख, गले, कान, सांस, फेफड़ों संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. गुरु कमजोर होने पर व्यक्ति को पेट संबंधी समस्याएं जैसे कि गैस, कब्ज, अपच जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है यानी पूरे पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है.