Guru Nanak Jayanti 2021: इस दिन मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती, जानिए इस पावन पर्व के बारे में सबकुछ
Guru Nanak Jayanti 2021: गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व , गुरु पर्व, गुरु पूरब भी कहते हैं. प्रकाश पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. बता दें कि इस साल आगामी 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती है.
Guru Nanak Jayanti 2021: इस दिन मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती, जानिए इस पावन पर्व के बारे में सबकुछ
Guru Nanak Jayanti 2021:गुरुनानक जयंती सिखों (Sikh) का सबसे बड़ा त्योहार (Sikh Festival) माना जाता है. सिख धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2021) मनाया जाता है. इस दिन सिख धर्म को मानने वाले भजन कीर्तन करते हैं और वाहेगुरु का जाप करते हैं. बता दें कि इस साल आगामी 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती है.
इन नामों से भी जानते हैं गुरु नानक जयंती को
गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व (Prakash parv), गुरु पर्व (Guru Parv), गुरु पूरब (Guru Gurpurab) भी कहते हैं. प्रकाश पर्व (prakash parav) हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. गुरु नानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी. प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के दिन गुरुद्वारों में धार्मिक अनुष्ठानों सुबह से ही शुरू हो जाते हैं जो देर रात तक चलते रहते हैं. इस दिन लोग गुरुवाणी का पाठ भी करते हैं. प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के दिन शाम को लंगर का आयोजन भी किया जाता है. जिसमें अनुयायी भोजन ग्रहण करते हैं.
गुरु नानक जयंती का इतिहास
गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे. गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ई. को हुआ था.नानक जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को पंजाब (पाकिस्तान) क्षेत्र में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नाम गांव में हुआ. हालांकि अब गुरु नानक जी का ये जन्म स्थल अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ननकाना साहिब में है.
अब इस जगह का नाम नानक देव के नाम से जाना जाता है. यहां देश विदेश से लोग चर्चित गुरुद्वारा ननकाना साहिब (Gurdwara Nankana Sahib) के दर्शन के लिए आते हैं. कहते हैं कि सिख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) ने यह गुरुद्वारा ‘ननकाना साहिब’ बनवाया था.
गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) के प्रसिद्ध कथन-
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ईश्वर एक ही है और उसका नाम सत्य है.
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अपने घर की शांति में ध्यान मग्न रहो तो मृत्यु के दूत तुम्हें कभी नहीं छुएंगे.
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वह व्यक्ति जिसे खुद पर विश्वास नहीं, उसे ईश्वर पर कभी भी विश्वास नहीं हो सकता.
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हमें सिर्फ वहीं बातें बोलनी चाहिए जिनसे सम्मान मिले.
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ये संसार एक नाटक है, जो हमारे सपनों में रचाया गया है.