Guru Purnima 2023, Guru Purnima Kab Hai: आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन शिष्य गुरुओं का पूजन करते हैं और उपहार देते हुए आशीर्वाद देते हैं. इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई, सोमवार को मनाया जाएगा. मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का महत्व, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व योग…
हिंदू पंचांग के अनुसार, 2 जुलाई के दिन रविवार की शाम 6 बजकर 2 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है. जबकि यह 3 जुलाई को सोमवार की रात 11 बजकर 8 मिनट पर खत्म हो जाएगी. लेकिन उदयातिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई को मनाई जाएगी.
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान आदि नित्यकर्मों से निवृत होने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए.
पूजा स्थल को गंगा जल छिड़क कर शुद्ध करने के बाद व्यास जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
अब व्यास जी के चित्र पर ताजे फूल या माला चढ़ाएं और इसके बाद अपने गुरु के पास जाना चाहिए.
अपने गुरु को ऊँचे सुसज्जित आसन पर बैठाकर फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए.
अब वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पण करने के बाद अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
गुरु पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन व्यक्ति का अन्न दान भी किया जाता है. मान्यता है कि अन्न दान करने से लोगों के सारे कष्ट तम हो जाते हैं.
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्यक्ति को स्नान-ध्यान करने के बाद गुरु के पास जाकर उनकी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. यदि आप किसी कारण से अपने गुरु के पास नहीं जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चित्र का पुष्प, चंदन, धूप, दीप आदि से पूजन करें.