Guru Pushya Yoga: जिस प्रकार शेर समस्त जानवरों का राजा होता है, ठीक उसी प्रकार गुरु पुष्य योग भी सभी योगों में प्रधान माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ योग में किए गए कार्य सफल होते हैं. इसलिए लोग गुरु पुष्य योग में अपने नए कार्य का श्रीगणेश करना शुभ मानते हैं. वे इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी अथवा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी दिन कोई ग्रह परिवर्तन के अलावा कोई विशेष नक्षत्र बनता है, तो इसका असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक जब कभी ग्रहों के राशि परिवर्तन के अलावा शुभ नक्षत्र का खास संयोग बनता है तो उसका असर सभी राशियों पर पड़ता है. बता दें कि 28 जुलाई को गुरु-पुष्य योग बन रहा है.
शास्त्रों के अनुसार यह माना गया है कि इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था. जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार एवं रविवार के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग और रवि पुष्यामृत योग कहते हैं. ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं.
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है. इस दिन भगवान की पूजा और उपासना करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. इस दिन सुबह और शाम दोनों समय मां लक्ष्मी का सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने सा आपको लाभ मिलेगा. इसके अलावा इस दिन चावल, दाल, खिचड़ी, बूंदी के लड्डू आदि का सेवन और दान करना शुभ रहता है.
गुरु-पुष्य योग पर खरीदारी (purchasing) के साथ यथाशक्ति दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए. जरूरतमंद लोगों को नए वस्त्र, फल, अनाज, जूते-चप्पल और धन का दान करना चाहिए. किसी गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें. इस दिन किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें. भगवान विष्णु की यथाशक्ति पूजा-आराधना करें। शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं.