गुरुग्राम में 22 मंजिला इमारत हादसा, 18 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकला शख्स
बीती रात गुरुग्राम में एक बिल्डिंग का हिस्सा धंस गया था, जिसमें कुछ लोग मलबे के नीचे दब गये थे. हादसे के बाद से ही राहत और बचाव कार्य जारी था. इसी कड़ी में हादसे के 18 घंटे बाद एक शख्स को जिंदा बाहर निकाला गया है.
जाको राखे साइयां, मार सके न कोई… गुरग्राम में यह कहावत सच होती दिखाई दे रही है. दरअसल, बीती रात गुरुग्राम में एक बिल्डिंग का हिस्सा धंस गया था, जिसमें कुछ लोग मलबे के नीचे दब गये थे. हादसे के बाद से ही राहत और बचाव कार्य जारी था. इसी कड़ी में हादसे के 18 घंटे बाद एक शख्स को जिंदा बाहर निकाला गया है.
मीडिया रिपोर्ट और आजतक न्यूज चैनल के मुताबिक, बिल्डिंग के मलवे के नीचे दबे शख्स का नाम अरुण कुमार श्रीवास्तव है. जो इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग सर्विस में ऑफिसर है. खबर के मुताबिक 18 घंटे मलबे के नीचे दबे होने के बाद भी अरुण की सांसे चल रही थी वो इतने मलबे के नीचे भी जिंदा था. फिलहाल अरुण को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं, अन्य लोगों को भी मलबे से निकालने का काम जारी है.
गौरतलब है कि बीते दिन गुरूवार की रात गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे पर निर्माणधीन 22 मंजिला अपार्टमेंट का एक हिस्सा धंस गया. दरअसल निर्माणाधीन 7 फ्लोर जमीन में धंस गया था. हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई. कई लोगों घायल भी हुए हैं. आशंका है कि मलबे के नीचे चार परिवारों फंसे हुए हैं. गुरुग्राम के सेक्टर 109 स्थित इस अपार्टमेंट का नाम चिंतल्स पैराडाइस है.
वहीं, हादसे को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गहरा दुख जताया है. उन्होंने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. खट्टर ने कहा है कि, राहत और बचाव काम को लेकर प्रशासन को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वो खुद पूरे मामले की निगरान कर रहे हैं. बता दें वहां रह रहे लोगों का कहना है कि बिल्डिंग निर्माण में कई खामियां बरती गई थी.
Posted by: Pritish sahay