Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में एएसआई से सर्वे की मांग पर कुछ देर में आएगा फैसला
हिंदू पक्ष ने 16 मई को ज्ञानवापी का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराने का प्रार्थना पत्र दिया गया था. इसमें सील किए गए वजूखाना क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया था. इस पर बीते 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति की थी. इसके बाद हिंदू पक्ष ने 22 मई को अपनी दलील रखी थी.
वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने के प्रार्थना पत्र पर फैसला कुछ देर में आएगा. 14 जुलाई को इस मामले सुनवाई हुई थी. इसके बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित रखा था. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण की अदालत में एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराने के मामले की सुनवाई चल रही थी.
हिंदू पक्ष की रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की तरफ से 16 मई को ज्ञानवापी का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराने का प्रार्थना पत्र दिया गया था. इसमें सील किए गए वजूखाना क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया था. इस पर बीते 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति की थी. इसके बाद हिंदू पक्ष ने 22 मई को अपनी दलील रखी थी.
इसके बाद 12 जुलाई को हिंदू पक्ष ने प्रार्थना पत्र के निस्तारण के लिये प्रार्थना पत्र दिया. तब मसाजिद कमेटी ने आपत्ति के लिए समय मांगा और 14 जुलाई की डेट सुनवाई के लिए नियत की गई थी. शुक्रवार को मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद, रईस अहमद और एखलाक अहमद ने दलीलें पेश की.
वहीं हिंदू पक्ष की तरफ से अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, अनुपम द्विवेदी, प्रदेश सरकार की ओर से राजेश मिश्र और केंद्र सरकार की तरफ से अमित श्रीवास्तव ने दलील पेश की. सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला जिला जज ने सुरक्षित रख लिया है.