Gyanvapi Case: हाईकोर्ट के जज ने ज्ञानवापी केस से खुद को अलग किया, चीफ जस्टिस को रेफर किया मामला
हाईकोर्ट में वादी राखी सिंह की तरफ से दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई थी. उनके वकील सौरभी तिवारी ने अपना पक्ष रखा. इसके बाद जज ने स्वयं को इस केस से अलग कर लिया.
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज मनीष कुमार निगम ने ज्ञानवापी सर्वे मामले की सुनवाई के बाद खुद को केस से अलग कर लिया. उन्होंने केस को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में रेफर कर दिया है. अब इस मामले की 31 जनवरी को सुनवाई होगी. जस्टिस मनीष कुमार निगम ने स्वयं इस केस से क्यों अलग किया, ये साफ नहीं हो पाया है.
हाईकोर्ट में ज्ञानवापी के सील क्षेत्र वजूखाने का सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की गई है. हिंदू पक्षकार राखी सिंह ने वाराणसी जिला जज कोर्ट के वजूखाने का सर्वे कराने से इनकार करने के फैसले के बाद यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने अपने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को सील क्षेत्र की विधिवत सुरक्षा का आदेश दिया है. इसलिए एएसआई का वहां का सर्वे करने का आदेश देना सही नहीं है.
Also Read: UP Breaking News Live: अयोध्या में कारोबारी के 8 साल के बेटे की अपहरण के बाद हत्या
जबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि वजुखाने का सर्वे वादी और प्रतिवादी दोनों के लिए लाभदायक है. इससे 2022 के मुकदमे में सही निर्णय लेने में आसानी होगी. गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हो चुका है. उस रिपोर्ट को वाराणसी जिला जज को सौंपा जा चुका है. बुधवार 24 जनवरी को उस रिपोर्ट को दोनों पक्षों को देने का आदेश भी दिया जा चुका है.