9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gyanvapi : व्यासजी के तहखाने में आम श्रद्धालुओं ने किया दर्शन-पूजन, जारी हुआ आरती की समय सारणी

Gyanvapi : ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में कोर्ट के आदेश पर पूजन और आरती के बाद 12.00 बजे भी पूजा की गई. इसके बाद व्यासजी के तहखाने का गेट आलाधिकारियों की देखरेख में शाम 4.00 बजे पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया.

Gyanvapi : वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को पूजन और आरती के बाद 12 बजे भी पूजा की गई. इसके बाद व्यासजी के तहखाने का गेट आलाधिकारियों की देखरेख में शाम 4.00 बजे पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया. इस दौरान संत समाज के लोगों के साथ ही हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं व आम लोगों ने भी दर्शन- पूजन किया. कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में बाहर से दर्शन कर लोग काफी खुश दिखे. व्यास जी के तहखाने के पास लोहे की ग्रिल के बाहर से आम श्रद्धालु नियमित रूप से सुबह 3.30 बजे से लेकर रात में 10.00 बजे शयन आरती तक दर्शन-पूजन कर पाएंगे. वाराणसी के जिला न्यायालय की ओर से हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के चंद घंटे बाद बुधवार को देर रात तहखाने को खोलकर उसकी सफाई की गई और फिर पूजा की गई. बता दें कि 30 साल एक महीने के बाद व्यासजी के तहखाने को व्यास परिवार के साथ ही मंदिर के सेवादारों ने दीवारों और खंभों को सबसे पहले गंगाजल से धोया. इसके बाद 45 मिनट तक विधि-विधान से पूजा आरंभ हुई. तहखाने में भगवान गणेश, विष्णु, शिवलिंग और हनुमान जी के विग्रह के साथ रामशिला का नियमित पूजन होगा.

Also Read: ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा शुरू, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रहे मौजूद
बाबा विश्वनाथ के साथ व्यासजी के तहखाने में हुई मंगला आरती

गुरुवार को भोर में बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के साथ ही व्यासजी के तहखाने में भी मंगला आरती हुई. इसके साथ ही अब रोजाना तहखाने में पांच आरती की जाएगी. व्यास परिवार के पं. जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि बुधवार की रात वह तहखाने में सबसे पहले प्रवेश किए. पूजा से पहले तहखाने की दीवारों, खंभों और दीवारों पर बनी आकृतियों को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया गया. इसके बाद अक्षत और फूल छोड़कर पूजन का संकल्प हुआ. तहखाने में क्षतिग्रस्त मूर्तियों के साथ ही दीवारों पर बनी आकृतियों का पूजन हुआ. सबसे पहली पूजा भगवान गणेश की हुई. इसके बाद भगवान शिव, भगवान विष्णु, हनुमान जी के साथ ही रामशिला का पूजन हुआ. मूर्तियों को नैवेद्य और शिवलिंग को दूध अर्पित किया गया. पूजा होने के बाद प्रसाद वितरण हुआ. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा ने पूजन को संपन्न कराया. 12:30 बजे से आरंभ हुई पूजा 1:25 बजे तक पूर्ण हुई.

पूर्वजों के परिश्रम का फल अब फलीभूत हुआ है- जितेंद्रनाथ व्यास

वहीं भोर में तहखाने में 3:30 बजे पहली मंगला आरती पुजारी ओमप्रकाश मिश्र ने उतारी. इसके बाद विग्रहों की आरती दोपहर 12.00 बजे, अपराह्न शाम चार बजे, शाम को सात बजे और रात्रि में 10:30 बजे शयन आरती होगी. जितेंद्रनाथ व्यास ने कहा कि हम लोग कोर्ट के निर्णय से बेहद प्रसन्न हैं. हम लोगों को पूजा करने का अधिकार मिल गया है. हमारे पूर्वजों के परिश्रम का फल अब जाकर फलीभूत हुआ है. ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में श्रद्धालु बाहर से दर्शन-पूजन करते रहे. इस दौरान श्रद्धालुओं की खुशी देखने लायक रही. सभी खुशी से झूम रहे थे. ज्ञानवापी परिसर में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती भी पहुंचे. उन्होंने व्यासजी के तहखाने में पूजा को लेकर खुशी जाहिर किया.

Also Read: 30 साल बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार, फैसले को चुनौती देने की तैयारी में मुस्लिम पक्ष
व्यासजी के तहखाने में होगी प्रतिदिन 5 आरती

मंगला- सुबह 3:30 बजे

भोग- दोपहर 12 बजे

अपरान्ह- शाम 4 बजे

सांयकाल- शाम 7 बजे

शयन- रात्रि 10:30 बजे

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें