Loading election data...

Gyanvapi : व्यासजी के तहखाने में पूजा की परमिशन देने के बाद जज हुए रिटायर, जानें इनके बारे में

Gyanvapi : जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने अपनी न्यायिक सेवा के आखिरी दिन में ज्ञानवापी पर फैसला देकर ऐतिहासिक फैसले देने वाले जजों के नाम में शामिल हो गए. ज्ञानवापी मामले पर 31 जनवरी को फैसला सुनाए जाने के बाद जहां एक तरफ लोग खुशी मना रहे थे. वहीं उनका विदाई समारोह भी चल रहा था.

By Sandeep kumar | February 1, 2024 9:40 PM
an image

Gyanvapi : वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी तहखाना में पूजा का आदेश देने के साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश सेवानिवृत्त हो गए. अजय कृष्ण विश्वेश अपनी न्यायिक सेवा के आखिरी दिन में ज्ञानवापी पर फैसला देकर ऐतिहासिक फैसले देने वाले जजों के नाम में शामिल हो गए. इन्होंने ही एएसआई (ASI) सर्वे का आदेश दिया था. अब ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ का भी आदेश दिया है. ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में पूजा का अधिकार व्यास परिवार को फिर से सौंपने का निर्णय कर वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए. अयोध्या मामले में ऐतिहासिक निर्णय देने वाले जजों की सूची में अपना नाम दर्ज कराते हुए अपनी न्यायिक सेवा के आखिरी दिन अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी पर फैसला दिया. अब उनके फैसले की मिसाल इतिहास में हमेशा कायम रहेगी. वाराणसी में जिला जज बनने से पहले डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश प्रदेश के कई न्यायिक पदों पर रहे. ज्ञानवापी केस की सुनवाई करने के साथ ही उनका नाम चर्चा में आ गया.

Also Read: Gyanvapi : व्यासजी के तहखाने में आम श्रद्धालुओं ने किया दर्शन-पूजन, जारी हुआ आरती की समय सारणी
डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की इस तारीख को हुई थी तैनाती

जिला जज के तौर पर डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की वाराणसी में तैनाती 21 अगस्त 2021 को हुई थी. जिला जज रहते हुए अजय कुमार विश्वेश ने ही एएसआई (ASI) सर्वे का आदेश दिया था. अब ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ का भी आदेश उन्होंने ही दिया है. वाराणसी जिला जज की अदालत में साल 2016 में व्यास परिवार ने यह याचिका दाखिल की थी. इस पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में 30 जनवरी को ही दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी. ज्ञानवापी मामले पर 31 जनवरी को फैसला सुनाए जाने के बाद न्यायालय के बाहर जहां हिंदू पक्ष के लोग अपने अधिवक्ताओं के साथ जीत का जश्न मना रहे थे. वहीं अंदर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश का विदाई समारोह भी चल रहा था. इस पूरे मामले को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों और याचिकाकर्ताओं को जिला प्रशासन ने बयानबाजी से बचने की हिदायत दी है. कोर्ट के फैसले के 9 घंटे बाद ही लोहे के बाड़ हटा दिए गए और देर रात पूजा की शुरुआत कर दी गई. गुरुवार रात 12 बजे पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में विश्वनाथ मंदिर की तरफ से, जहां बड़े नंदी विराजमान हैं, उनके ठीक सामने बैरीकेडिंग को खोलकर तहखाना जाने का रास्ता बनाया गया.

Also Read: UP Budget 2024: यूपी का बजट सत्र 2 फरवरी से, सर्वदलीय बैठक आज, विधान भवन की सुरक्षा बढ़ी
सर्वे के दौरान मिली जो मूर्तियां उन्हें रखकर की गई पूजा

सर्वे के दौरान जो मूर्तियां मिली थीं, उन्हें रखकर देर रात तक पूजा-पाठ कराया गया. आरती की गई और भोग लगाकर प्रसाद बांटा गया. व्यास जी के तहखाना में शयन आरती, मंगल आरती सहित पूजा-पाठ की सभी विधियां वहां मौजूद देवी-देवताओं के विग्रह के सामने पूरी की जाएंगी. प्रशासन ने देर रात तहखाने के भीतर पूजा आदि की व्यवस्था को काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंप दिया. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने ब्यास जी के तहखाने में पूजा कराई. पूजा-पाठ का अधिकार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंपा गया है.

Exit mobile version