ज्ञानवापी मामले पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई, हिन्दू पक्ष ने अदालत से की ये बड़ी मांग

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की इजाजत मांगने वाली याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई है. अब इसपर 30 मई को सुनवाई होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 25, 2022 4:20 PM
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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की इजाजत मांगने वाली याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई है. अब इसपर 30 मई को सुनवाई होगी. सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन (फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में मुकदमा ट्रांसफर कर दिया गया है. दरअसल, हिंदू पक्ष ने सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और पूजा की मांग की गई थी, इसपर आज सुनवाई हुई.

बता दें कि हिंदू पक्ष ने सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और पूजा की मांग की गई थी, इस मामले में ही आज सुनवाई हुई. बता दें कि किरण सिंह के पैरोकार याचिकाकर्ता जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि न्यायालय ने भी यह मान लिया है कि इस विवाद का निपटारा जल्द से जल्द होना चाहिए अब, और यह स्वागत योग्य क़दम है. 30 मई सुनवाई की डेट न्यायालय ने तय की है. जल्द ही शिवलिंग जलाभिषेक के लिए हमारे सामने रहेंगे.

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वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्दकी ने कहा कि आज कोर्ट में कुछ नहीं हुआ. अब सोमवार 30 मई को इसपर सुनवाई होगी. फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर होना कोई बडी बात नहीं है, ये रूटीन वे में है.

दरअसल, वाराणसी के मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी की अब एक और याचिका दाखिल की गई. सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मांग की गई है कि, मस्जिद परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगे और उसे हिंदुओं के हवाले करने की मांग रखी गई है. यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने कोर्ट में दाखिल की है.

जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि, ‘भगवान आदिविश्वेशर विराजमान’, इस मुकदमे में तीन प्रमुख बिंदु रखे गए हैं. इसमें पहला है कि मुस्लिम पक्ष का ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए. दूसरा है, ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए. तीसरा है, तत्काल प्रभाव से आदेश पारित करते हुए भगवान आदिविश्वेश्वर की प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारम्भ की जाए.

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