Gyanvapi Case : ज्ञानवापी के सील वजूखाने की 20 जनवरी से होगी सफाई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तय की गई गाइडलाइन
काशी विश्वनाथ के पिनाक भवन में हुए बैठक के दौरान ज्ञानवापी परिसर में स्थित सील वजूखाना की साफ-सफाई की गाइडलाइन तय की गयी. जिलाधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना की सफाई का आदेश दिया था.
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित सील वजूखाना की साफ-सफाई 20 जनवरी की सुबह 9.00 बजे से की जाएगी. यह निर्णय मां शृंगार गौरी केस के वादी पक्ष और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक करने के बाद जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने लिया है. काशी विश्वनाथ के पिनाक भवन में गुरुवार को हुए बैठक के दौरान साफ-सफाई की गाइडलाइन तय की गयी. जिलाधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना की सफाई का आदेश दिया था. कहा था कि वजूखाना की सफाई वाराणसी के जिला प्रशासन की देखरेख में की जाए. इसी क्रम में दोनों पक्षों की सहमति से शनिवार को सुबह 9.00 बजे से सफाई का काम शुरू होना तय हुआ है. लगभग 11 या 11:30 बजे तक सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा. वजूखाना में मृत पड़ी मछलियों को बाहर निकाल दिया जाएगा. जिंदा मछलियों को मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन को सौंप दिया जाएगा. फिर, पंप लगा कर वजूखाना का पूरा पानी निकाल कर उसमें जमा काई वगैरह को हटाते हुए अच्छे से सफाई की जाएगी. इसके बाद उसमें चूना का छिड़काव किया जाएगा. वजूखाना की साफ-सफाई के दौरान दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, लेकिन वह जाली के भीतर नहीं जाएंगे. सफाई का काम इस तरह से किया जाएगा कि वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति (हिंदू पक्ष के दावे के अनुसार) को कोई नुकसान न पहुंचे और ना ही किसी की धार्मिक भावना आहत होने पाए. इस बैठक में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम,अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) एस चनप्पा, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, काशी विश्वनाथ धाम के सीईओ सुनील कुमार वर्मा और एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय के साथ पुलिस-प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
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सुरक्षा और निगरानी की रहेगी पुख्ता इंतजाम
ज्ञानवापी स्थित वजूखाना की सफाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे. ज्ञानवापी की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहने वाले पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवानों के अलावा गेट नंबर-चार के बाहर और उसके आसपास के इलाके में स्थानीय पुलिस तैनात रहेगी. लोकल इंटेलिजेंस यूनिट अतिरिक्त सतर्कता के साथ माहौल पर नजर रखेगी. बता दें कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे के दौरान 20 माह पहले 16 मई 2022 को शिवलिंग जैसी आकृति मिलने का दावा किया गया था. उसी दिन अधिवक्ता हरिशंकर जैन के आवेदन पर तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने शिवलिंग जैसी आकृति मिलने वाली जगह को सील करने का आदेश दिया था. 17 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश को बरकरार रखा था. लेकिन इसी साल, 2 जनवरी को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग जैसी आकृति वाली जगह की साफ-सफाई को लेकर मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि कथित शिवलिंग के पास मौजूद पानी के टैंक में मछलियां मर गई हैं. उसे मई 2022 से साफ नहीं किया गया.