Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले पर वाराणसी कोर्ट ने मंगलवार को अजय मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर पद से हटा दिया. अब इस पूरे मामले में आरोप- प्रत्यारोप के बीच अजय मिश्रा ने खुद को निष्पक्ष साबित करते हुए अपना बचाव कर रहे हैं. अजय मिश्रा ने कहा कि उनके खिलाफ गलत शिकायत की गई है. विशाल सिंह ने अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए मुझे नीचा दिखाया है. वहीं दूसरी तरफ़ विशाल सिंह का कहना है कि कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अपना आदेश दिया है. मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया है. बस कार्रवाई ठीक ढंग से हो इसलिए ऐसा किया है.
अजय मिश्रा ने सभी आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि मेरी गलती सिर्फ इतनी है कि मैं सीधा हूं और मेरे साथ राजनीति हुई. विपरीत परिस्थितियों में भी मेरे चेहरे की मुस्कान ये बताने के लिए पर्याप्त है कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा कि न तो मैने कोर्ट की गोपनीयता भंग की है न ही कुछ गलत किया है. अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि उनको विशाल सिंह के आरोप पर हटाया गया है. उन्होंने कहा कि वह वाराणसी कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन इस बात का कष्ट हमेशा रहेगा कि विशाल सिंह ने अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए उन्हें नीचा दिखाया.
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वीडियोग्राफर द्वारा सर्वे का ब्योरा लीक किए जाने पर अजय मिश्र ने कहा कि मैं इस बारे में क्या कर सकता हूं? यदि मैंने किसी पर विश्वास किया और उसने कहीं कुछ कह दिया तो इसके लिए मुझे कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं. वहीं विशेष आयुक्त विशाल सिंह का कहना है कि कमीशन की कारवाई 14 से लेकर 16 मई तक चली. लेकिन ड्रॉफ्ट मैन द्वारा नक्शे से सम्बंधित डॉक्युमेंट सही समय पर उपलब्ध न कराए जाने की वजह से रिपोर्ट पेश होने में समय लग रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर अजय सिंह को हटाने की तो ये फैसला कोर्ट का है, इसमे मेरी कोई भूमिका नहीं है. वह कमीशन करवाई के दौरान वे सहयोग नहीं कर रहे थे. अजय मिश्र के आरोपों को विशाल सिंह खारिज सिरे से नकार दिया और कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या चार की शिकायत पर अजय मिश्र को हटाया है, क्योंकि उनके साथ के लोग जानकारी लीक कर रहे थे.
रिपोर्ट – विपिन सिंह