Varanasi: ज्ञानवापी मस्‍ज‍िद में हंगामे के बीच पहले दिन का सर्वे हुआ पूरा, कल भी जारी रहेगा काम

Varanasi News: बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के बाहर महौल में तनाव को देखते हुए आज पुलिस हर मौर्चे पर मुस्तैद थी. सर्वे के दौरान बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के बाहर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी हुई. हर हर महादेव और अल्लाह हूं अकबर के नारे जमकर लगाए गए.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2022 7:13 PM
an image

Varanasi News: वाराणसी में आज काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद (gyanvapi mosque) के परिसर में वीडियोग्राफी हुआ. इसके लिए अदालत ने आदेश जारी कर दिया था. सर्वे में शामिल होने के लिए 10 वकीलों की टीम भी ज्ञानवापी मस्‍जि‍द पहुंची. बता दें कि पहले दिन का सर्वे का काम पूरा हो चुका है और अभी कल भी सर्वे का काम जारी रहेगा . वहीं, आज नमाज पढ़ने आए लोग कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वे को लेकर विरोध जताते हुए नारेबाजी कर भी की. बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के बाहर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी हुई. हर हर महादेव और अल्लाह हूं अकबर के नारे जमकर लगाए गए.

बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के बाहर महौल में तनाव को देखते हुए पुलिस हर मौर्चे पर मुस्तैद है. पुलिस ने माहौल के तनाव को सुधारते हुए भीड़ को हटाने की कोश‍िश की. वहीं नारेबाजी के बाद पुलिस और समाज के कुछ लोगों माहौल को शांत कराया. फिलहाल मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. वहीं शुक्रवार के दिन नमाज अदा करने भी बड़ी संख्या में लोग ज्ञानवापी मस्जिद में आए. ऐसे में सुरक्षित वीडियोग्राफी कराना वाराणसी प्रशासन के लिए एक चुनौती है. सर्वे के ठीक पहले सड़क से दिखने वाले मस्जिद के हिस्से को हरे परदे और होर्डिंग लगा कर को लगाकर ढका गया है.

Also Read: Varanasi: ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट में केस करने वाली महिलाओं ने मांगी सुरक्षा
सर्वे कराने का आदेश क्‍यों दिया गया?

दरअसल कोर्ट में पांच महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास और राखी सिंह ने एक याचिका दायर की थी. पाचों याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से ऋंगार गौरी मंदिर में हर रोज पूजा करने की अनुमति दिए जाने की अपील की थी. कोर्ट से इजाजत की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि ऋंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है. यह मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है. पिछले साल 18 अगस्त को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट का आदेश आया था. आदेश में एक कमीशन नियुक्त किया गया है. इस कमीशन को 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में ऋंगार गौरी की वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए हैं. 10 मई तक अदालत ने इसे लेकर पूरी जानकारी मांगी है. अब मुस्‍लिम पक्षकार इसी सर्वे का विरोध कर रहा है.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

Exit mobile version