Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मामले में एएसआई ने शनिवार को भी सर्वे के दौरान कई अहम बिंदुओं पर अपनी पड़ताल की. एएसआई की टीम गहराई से अध्ययन करते हुए सर्वेक्षण कर रही है. इस बीच मामले में बयानबाजी का दौर अभी भी जारी है. दोनों पक्षों से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोग भी मामले में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
एएसआई इन सब प्रतिक्रियाओं और दोनों पक्षों के दावों के बीच ज्ञानवापी में अपना काम शांतिपूर्ण तरीके से कर रही है. इस दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि सर्वे में परिसर को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार के बाद शनिवार को मुस्लिम पक्ष भी मौके पर मौजूद रहा.
मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने शुनिवार सुबह कहा कि हम एएसआई सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं. कल तक, हम भाग नहीं ले रहे थे. लेकिन, आज हम भाग ले रहे हैं और एएसआई टीम की सहायता कर रहे हैं.
शनिवार को मुस्लिम पक्ष के दो वकील समेत तीन पैरोकार मौजूद रहे. इनमें मुमताज अहमद, मोहम्मद एखलाक अहमद वकील थे. वहीं मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद ने आज मस्जिद ताला खोला, जिससे एसआई की टीम ने मस्जिद के अंदर प्रवेश किया. वजूखाने को छोड़कर मस्जिद के अंदर भी सर्वे किया गया.
इस बीच सर्वे में पश्चिमी दीवार बेहद अहम मानी जा रही है. इसे देख समझकर सर्वे के किए एक्सपर्ट्स की टीम लगी हुई है. दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार और इस पर मिली आकृतियां किसी दृष्टि से वर्तमान इमारत की बनावट से मेल नहीं खातीं. दीवार हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियों की भरमार है.
इसके साथ ही यहां पर हाथी के सूंड नुमा आकृति का चिह्न मिला है. इस पर बनी नक्काशी, स्वास्तिक, कलशफूल, कमल के फूल आदि की आकृतियां भी हैं. मंदिर पक्ष के अनुसार पश्चिमी दीवार मां शृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है.
शनिवार को सर्वे के दौरान मां शृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी चार महिलाओं के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि नंदी के सामने जो व्यासजी का तहखाना है, वहां से मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. वहीं हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू ने कहा है कि मौके से एक मूर्ति मिली है, जिसे माप लिया गया है. घास साफ करके मूर्ति निकाली गई है. एएसआई की टीम अपना काम कर रही है.
आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भी शनिवार को वाराणसी पहुंचे. ज्ञानवापी पर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर उन्होंने कहा कि अगर आरोप लगाया है तो सच की जांच होनी चाहिए. जो ढ़ांचा पहले था वो अब नहीं है. उसे किसी ने बलपूर्वक तोड़ दिया है. उसी की जांच सर्वे की टीम कर रही है. जांच से सच सामने आएगा, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमको डर ये है कि जब ASI की रिपोर्ट आएगी, तो बीजेपी और आरएसएस एक नैरेटिव सेट करेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट का ऑर्डर आने से पहले सीएम योगी ‘बिल्डिंग पुकार-पुकार के’ वाला बयान दे चुके हैं. जैसे ही ASI की रिपोर्ट आएगी, वैसे ही फिर देश में नैरेटिव सेट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमें डर ये है कि कहीं 23 दिसंबर ना हो जाए, कहीं 6 दिसंबर हो जाए और फिर कई बाबरी मस्जिद जैसे केस ना खुल जाएं. जब बाबरी मस्जिद का फैसला आया था तो मैंने कहा कि ये सब मु्द्दे खुलेंगे.
इसस पहले एएसआई टीम सर्वे के लिए पहले दिन शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर में खनन के औजार नहीं ले गई. टीम का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिमी दीवार पर रहा. दो टीमों ने दीवार पर मौजूद हर आकृति की बनावट आदि की जानकारी दर्ज की.
पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी की गई. दीवार के आसपास की जमीन पर घास को अपने हाथों से उखाड़ा. इसके बाद जितनी दीवार नजर आई, उस पर बनीं कलाकृतियों को जांचा। दीवार पर बने एक दरवाजे को पत्थरों से बंद किया गया है। दरवाजा दीवार की बनावट से मेल खाता है या नहीं, यह भी जांचा.
पूर्वी दीवार पर भी बंद दरवाजे को देखा और इमारत की बनावट से इसका मेल करने का प्रयास किया. वुजूखाना के आसपास जितनी भी कलाकृतियां नजर आईं, उन्हें रिकार्ड में दर्ज किया. उत्तरी दीवार की बनावट व कलाकृतियों पर भी नजर रही और उनकी बनावट, आकार आदि को जांचा-परखा। मस्जिद पक्ष की ओर से किसी के मौजूद न रहने से तहखानों व गुंबद के नीचे मौजूद कमरे की चाबी नहीं मिली. बाहरी दीवारों की जांच के साथ ही व्यासजी के कमरे को जरूर देखा.