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एशियन गेम्स से बाहर होने के बाद जिमनास्ट दीपा करमाकर काफी निराश, खेल मंत्रालय पर बोला तीखा हमला

भारत की स्टार जिमनास्ट दीपा करमाकर खेल मंत्रालय के मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण एशियन गेम्स से बाहर हो गयी हैं. इस बात ने उन्हें हताश कर दिया है. इसके लिए उन्होंने खेल मंत्रालय पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण को भी आड़े हाथों लिया.

एशियन गेम्स खेलों के लिए भारतीय टीम से बाहर होने से नाराज दीपा करमाकर ने मंगलवार को भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और खेल मंत्रालय पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इसे निराशाजनक और हतोत्साहित करने वाला बताया. 2016 रियो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल करने वाली जिमनास्ट ने हाल ही में एशियाई खेलों के ट्रायल में अपने इवेंट में शीर्ष स्थान हासिल किया. लेकिन पिछले 12 महीनों में शीर्ष आठ में जगह बनाने के मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था.

डोपिंग के कारण दीपा पर लगा था दो साल का प्रतिबंध

दीपा करमाकर डोपिंग रोधी उल्लंघन के कारण दो साल का प्रतिबंध झेल रही थी, इसलिए वह इस मानदंड पर खरी नहीं उतर सकीं. अपने कोच बिशेश्वर नंदी द्वारा SAI की आलोचना करने के दो दिन बाद, दीपा ने अपना गुस्सा और बेबसी व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने सोशल साइट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘इस स्वतंत्रता दिवस पर, मैं हाल की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग कर रही हूं जो बहुत ही हतोत्साहित करने वाली और साबित हुई हैं. एशियन गेम्स 2023 एक ऐसा आयोजन था जिसका मैं पिछले दो वर्षों से उत्सुकता से इंतजार कर रही थी. अब दूर की कौड़ी नजर आती है.’

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इस वजह से चूक गयीं दीपा

सरकारी मानदंड में कहा गया है कि किसी भी एथलीट का पिछले 12 महीनों के दौरान व्यक्तिगत स्पर्धाओं में प्रदर्शन 2018 एशियाई खेलों में आठवें स्थान धारक द्वारा हासिल किए गए प्रदर्शन से कम नहीं होना चाहिए. हालांकि, IOA महासचिव कल्याण चौबे, जो AIFF के अध्यक्ष भी हैं, की भारी पैरवी के बाद मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम को यात्रा के लिए मंजूरी दे दी गई थी. हालांकि, दीपा सोचती हैं कि ट्रायल में टॉप करना ही उसके शामिल होने के लिए पर्याप्त होना चाहिए था.

दीपा ने ट्रायल में किया टॉप

दीपा ने आगे लिखा, ‘मुझे आश्चर्य है कि राष्ट्रीय ट्रायल में टॉप करने और खेल मंत्रालय के चयन मानदंडों को पूरा करने के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि मैं एशियन गेम्स में भाग लेने के अवसर से वंचित रह जाऊंगी.’ जिस बात ने उन्हें नाराज किया है वह अधिकारियों की ओर से संचार की कमी है. उन्होंने कहा कि इससे भी बुरी बात यह है कि इस निर्णय के पीछे के कारण मेरे लिए अज्ञात हैं और आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना नहीं दी गई है. इसके बजाय, मैं और मेरे साथी जिम्नास्ट खेलों से हमारे बहिष्कार के बारे में समाचारों में पढ़ रहे हैं और मुझे बस यह नहीं पता कि इसका क्या किया जाए. उन्होंने अधिकारियों से अपने आकलन में निष्पक्ष रहने का आग्रह किया.

दीपा को अब भी है उम्मीद

इन सब के बावजूद दीपा अब भी हांग्जो में होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेने को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि प्रमुख खेलों की तैयारी में की जाने वाली कड़ी मेहनत और बलिदान की शायद ही कभी सराहना की जाती है और इसके बजाय भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल मंत्रालय से अनिश्चितता और बहरा कर देने वाली चुप्पी मिलती है. मैं बस इतना चाहती हूं कि चयन मानदंड सभी खेलों में निष्पक्ष और लगातार लागू किए जाएं. और अनुरोध है कि सही जानकारी हमें बताई जाए ताकि हम अनिश्चितता में न रहें. इस बीच, मैं अपने देश के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं कि मैं अपना प्रशिक्षण जारी रखूंगी और मुझे उम्मीद है कि मैं अगले महीने हांग्जो में भारतीय टीम में शामिल हो जाऊंगी. जय हिन्द!

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