बंगाल के 70 फीसदी मरीज H3N2 वायरस से संक्रमित, राज्य सरकार अलर्ट, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
निजी अस्पतालों के रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के ज्यादातर मरीज इन्फ्लुएंजा से पीड़ित हैं, और 70 फीसदी मामले एच3एन2 के कारण होते हैं. इन्फ्लुएंजा के मामले अपेक्षाकृत अधिक हैं
पश्चिम बंगाल में इन्फ्लूएंजा ए के ज्यादातर मामले में एच3एन2 वायरस की पुष्टि हुई है. निजी अस्पतालों की लैब रिपोर्ट को मानें तो राज्य के 40 से 70 फीसदी लोग एच3एन2 वायरस से संक्रमित पाये गये हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एच3एन2 के बढ़ते संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी किया था.
केंद्र के अलर्ट जारी करते ही राज्य सरकार भी हरकत में आ गयी और मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया है. राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने कहा है कि एडिनोवायरस संक्रमणों की निगरानी के लिए गठित एक टास्क फोर्स भी राज्य में एच3एन2 वायरस से संक्रमित मामलों पर भी नजर रखेगा.
70 फीसदी लोग एच3एन2 वायरस से संक्रमित
निजी अस्पतालों के रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के ज्यादातर मरीज इन्फ्लुएंजा से पीड़ित हैं, और 70 फीसदी मामले एच3एन2 के कारण होते हैं. इन्फ्लुएंजा के मामले अपेक्षाकृत अधिक हैं और इसमें 80 प्रतिशत रोगी वयस्क हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इन्फ्लुएंजा ए के पॉजिटिव परीक्षण आने वाले नमूनों की संख्या में वृद्धि हुई है.
लेकिन तकनीक और लागत की कमी के कारण इन्फ्लुएंजा में वैरिएंट को अलग करना हमेशा संभव नहीं था. विशेषज्ञ का इस पर ये भी कहना है कि ये वेरिएंट नया नहीं है. चूंकि, 2 साल से कोरोना का प्रकोप था इसलिए इसे लेकर बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हो रही थी. हालांकि, अधिकांश पर ये ज्यादा प्रभाव नहीं डालता लेकिन कोरोना की तरह ये गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है.
बच्चे और बुजुर्गों पर डालता है सबसे ज्यादा प्रभाव
बता दें कि एच3एन2 वायरस के अधिकतर मामलों में बुखार, खांसी और सर्दी के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. हालांकि, इसमें ज्यादातर मामलों में हल्का बुखार होता है. लेकिन यह स्वाइन फ्लू जितना गंभीर नहीं होता है. इस वायरस से 2 साल से कम उम्र के बच्चे और बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये इन वर्ग के लोगों पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है. हाल ही इस वायरस से 6 लोगों की जान चली गयी थी. हालांकि अभी तक बंगाल में इससे संक्रमित एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग इन्फ्लूएंजा ए के मामलों लगातार नजर बनाये हुए है.