ओलावृष्टि और बारिश से करोड़ों की फसल बर्बाद, किसानों की टूटी कमर

तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश से झारखंड में करीब 20 करोड़ से अधिक कीमत की फसलें नष्ट हो गयीं. मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी.

By Pritish Sahay | March 16, 2020 1:55 AM

रांची : तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश से झारखंड में करीब 20 करोड़ से अधिक कीमत की फसलें नष्ट हो गयीं. मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी. कर्ज लेकर खेती करनेवाले हजारों किसानों की फसलें बारिश की भेंट चढ़ गयीं. रविवार को भी कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई. इससे गेहूं के साथ-साथ सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है.

राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को किसानों की फसल नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है. कृषि मंत्री बादल ने सभी प्रभावित जिलों के उपायुक्त से क्षति का आकलन कर 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही कहा है कि इसके बाद किसानों को राहत देने का प्रयास राज्य सरकार करेगी.

बारिश और ओलावृष्टि से सबसे अधिक फसलों का नुकसान हजारीबाग, गुमला, लोहरदगा, पलामू और रांची जिले के किसानों का हुआ है. हजारीबाग में बारिश और ओलावृष्टि से करीब 10 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की फसलों का नुकसान का अनुमान है. लोहरदगा में पांच करोड़, पलामू में 50 लाख, मांडर-चान्हो में 50 लाख, गुमला में 40 लाख रुपये मूल्य के फसल के नुकसान होने का अनुमान लगाया है.

33 फीसदी से अधिक नुकसान पर मिल सकता है मुआवजा : राज्य में आपदा से होनेवाले नुकसान को लेकर आपदा प्रबंधन कोष बना हुअा है. इसी राशि से ओलावृष्टि या अतिवृष्टि की स्थिति में किसानों को मुआवजा मिल सकता है. ओलावृष्टि या अतिवृष्टि की स्थिति में अगर 33 फीसदी से अधिक फसलों को नुकसान हुआ है तो मुआवजा के लिए आवेदन कर सकते हैं. किसान स्वत: सीओ के यहां लिखित आवेदन कर सकते हैं. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी का अनुमोदन होना चाहिए.

सीओ इसका आकलन कराकर मुआवजा भुगतान की अनुशंसा कर सकते हैं. राज्य में एक एकड़ में क्षति होने पर असंचित भूमि पर 6800 तथा सिंचित भूमि पर 13000 रुपये मुआवजा के रूप में सरकार देती है. आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव मनीष तिवारी ने बताया कि विभाग में फंड की कमी नहीं है. मुआवजा की मांग होने पर जिला के माध्यम से किसानों को राहत दी जायेगी.

लोहरदगा : पांच करोड़ की फसल बर्बाद : लोहरदगा में गेहूं, सरसों की फसल के साथ सब्जियां भी बर्बाद हो गयी है. ओला से प्रभावित गोभी दो रुपये किलो बाजार में किसान बेचने को विवश हैं. तीन रुपये किलो मटर बेचने को बाध्य हैं, फिर भी खरीदार नहीं मिल रहे. लोहरदगा जिले में पांच करोड़ रुपये का नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. भक्सो गांव निवासी एतवा उरांव ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर मटर, गोभी और टमाटर की खेती की थी. सब डूब गया. अब कर्ज कैसे चुकायेंगे.

पलामू : किसानों को 50 लाख से अधिक की क्षति : पलामू में गेहूं की खेती 16457, चना 15648,मंसूर 6241,मटर 2076 और दलहन की खेती 16258 हेक्टेयर में की गयी थी, किसानों के मुताबिक जिन इलाकों में ओलावृष्टि हुई, वहां गेहूं की भी फसल मारी गयी. बारिश से रबी फसल पूरी तरह प्रभावित है. इससे 50 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है.

सबसे अधिक हजारीबाग में 10 करोड़ से अधिक की फसल बर्बाद हुई

लोहरदगा में गोभी दो रुपये व मटर तीन रुपये किलो बेचने को विवश किसान

कृषि मंत्री ने प्रभावित जिलों के उपायुक्त को दिया आकलन करने का निर्देश

मांडर-चान्हो : तैयार स्ट्रॉबेरी की खेती पर पड़े ओले : मांडर के सेवाडीह गांव के किसान तिल्ला उरांव को भी काफी नुकसान हुआ है. उनकी करीब दो एकड़ में गोभी, बीट, पालक व मेथी की फसल के अलावा लगभग 15 डिसमिल में लगी स्ट्रॉबेरी की खेती भी बर्बाद हो गयी है. तिल्ला उरांव के अनुसार, केजीवीके के सहयोग से पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की थी. पौधा लगाने, सिंचाई व खाद पर करीब 10 हजार की लागत आयी थी.

पौधों में फल लगने शुरू हो चुके थे. वे बाजार में करीब पांच हजार की स्ट्रॉबेरी बेच भी चुके थे. खेत में फिर से स्ट्रॉबेरी पक कर तैयार थे. वे उसे बेचने की तैयारी में ही थे कि ओलावृष्टि ने मंसूबों पर पानी फेर दिया. सुबह खेत पर गया, तो देखा कि ओलों की मार से स्ट्रॉबेरी खेत में टूट-फूट कर बिखरे पड़े थे. तिल्ला उरांव के अनुसार, बाजार में स्ट्रॉबेरी 200 रुपये किलो की दर से बिक जाती है. पूरी फसल होती, तो उन्हें लगभग 40-50 हजार की आमदनी हो जाती.

पांच मिनट की ओलावृष्टि में 50 लाख के फसल डूबे : मांडर व चान्हो प्रखंड में रविवार अहले सुबह मुश्किल से पांच मिनट तक जबरदस्त ओलावृष्टि हुई. इससे खेतों में लगी सब्जी, गेहूं व सरसों की फसल की बर्बाद हो गयी.मांडर के सरवा गांव के ही किसान समसुल अंसारी बताते हैं कि ओलावृष्टि से सिर्फ उनके गांव में ही दो दर्जन से अधिक किसानों की 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की सब्जी व फसल बर्बाद हुई है.

बुढ़मू : खेतों में बर्फ की मोटी परत, सब्जियां नष्ट : बुढ़मू प्रखंड के बरौदी, बंसरी और उरूगुटू गांव के दर्जनों किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि से खेतों में एक फीट से अधिक बर्फ की मोटी परत जमा हो गयी. जिससे फूलगोभी, पत्तागोभी, पालक, आलू, पपीता, मटर सहित अन्य सब्जियां नष्ट हो गयी.

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