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Jharkhand: सरकारी स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का हाल बेहाल, कहीं नहीं मिला प्रश्नपत्र, तो कहीं बदला रूटीन

सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से सातवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा हो गई है लेकिन परीक्षा के लिये की गई तैयारी फेल साबित हुई. बता दें कि कहीं प्रश्नपत्र नहीं मिला, तो कहीं बदला परीक्षा का रूटीन ही बदल गया.

Dhanbad News: सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से सातवीं तक की परीक्षा बुधवार से शुरू हुई है, लेकिन इसकी तैयारी दिसंबर माह में शुरू हो गयी थी. इसके बाद भी परीक्षा में कमी रह गयी है. विभाग की ओर से सभी परीक्षा केंद्रों पर एक दिन पहले प्रश्न पत्र भेजने का दावा किया गया, लेकिन यह दावा भी बुधवार को फेल दिखा. समय पर प्रश्न पत्र नहीं मिलने के कारण कई विद्यालयों में विलंब से परीक्षा शुरू हुई. शिक्षक को दुकान पर जाकर प्रश्न पत्र का जेरोक्स कराना पड़ा. ऐसे में यह चिंता वाजिब है कि राज्य का भविष्य कैसे गढ़ा जा रहा है. परीक्षा के आयोजन का उद्देश्य बच्चों को भविष्य में होने वाली परीक्षा के लिए तैयार करना होता है, लेकिन कुव्यवस्था के बीच सरकारी विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा अपने उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम नहीं है. यह महज एक खानापूरी बनकर रह गयी है.

राजकीयकृत बालिका मवि टेंपल रोड : अंधेरे कमरे में हो रही थी परीक्षा

राजकीयकृत बालिका मध्य विद्यालय टेम्पल रोड में एक बेंच पर चार बच्चे बैठे हुए थे. परीक्षा ली जा रही थी. लेकिन जिस कमरे में परीक्षा हो रही थी, वहां लाइट की व्यवस्था नहीं थी. बच्चे अंधेरे में बैठकर परीक्षा दे रहे थे. यह स्थिति किसी एक कमरे की नहीं बल्कि सभी कमरों का यहीं हाल था. खिड़की से आ रही रोशनी पर परीक्षा ली जा रही थी.

उउवि गोसाईंडीह : ब्लैक बोर्ड पर लिखा गया प्रश्न

उत्क्रमित उच्च विद्यालय गोसाईंडीह में प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका मात्र 40 ही मिले है. किसी तरह जुगाड़ तंत्र से परीक्षा ली जा रही है. वर्ग छह (बी) में कुल 44 विद्यार्थी परीक्षा देने आए थे, जबकि प्रश्न पत्र 31 मिले थे. शिक्षिका आभा कुमारी ने प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर लिखा और परीक्षा ली. प्रधानाध्यापक विजय कुमार श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी विभाग को दी. बीइइओ विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि कई विद्यालयों में प्रश्न पत्र की कमी की शिकायत मिली. इसके बाद जिला से संपर्क करने पर एडीपीओ विजय कुमार खुद प्रश्न पत्र लेकर पहुंचे तथा उन्होंने अपनी उपस्थिति में बरवाअड्डा और बीआरसी गोविंदपुर में प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका बटवायी. उनके साथ बीपीओ दीपक कुमार एवं प्रमोद कुमार भी थे.

मवि मनईटांड़ : विद्यालय के बाहर घूमते मिले बच्चे

सुबह 10.28 बजे राजकीय मध्य विद्यालय मनईटांड़ में स्कूल के गेट में ताला लगा हुआ मिला. वहीं कुछ बच्चे बाहर में टहलते दिखे. बच्चों से पूछने पर बताया कि बगल में घर है, वहीं से आ रहे है. परीक्षा देनी है.

राजसागर प्रावि : एक कमरे में एक से पांचवीं तक की परीक्षा

राजसागर प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से पांचवीं की परीक्षा एक ही कमरे में हो रही थी. एक ही शिक्षक के भरोसे पूरी स्कूल होने के कारण शिक्षक बारी-बारी से बच्चों की परीक्षा लेते दिखे. 10.30 बजे से परीक्षा की शुरुआत की गयी. पहले लिखित परीक्षा ली जा रही थी, बाद में कक्षा एक और दूसरी की मौखिक परीक्षा ली गयी.

राजकीय कन्या मवि मनईटांड़ : बच्चे एक-दूसरे का उत्तर देख रहे थे

राजकीय कन्या मध्य विद्यालय मनईटांड़ में कक्षा एक से पांचवीं तक को एक कमरे और छठी, सातवीं व आठवीं की बच्चियाें को दूसरे कमरे में बैठाया गया था. सभी एक-दूसरे से उत्तर जान कर लिखने का प्रयास कर रहे थे. विद्यालय में परीक्षा 10.28 बजे से शुरू हुई. शिक्षिका ने बताया कि बच्चे विलंब से आए हैं, इस कारण परीक्षा में विलंब हुई.

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राजकमल नर्सरी मध्य विद्यालय चंदौर बच्चों ने जमीन पर बैठकर दी परीक्षा

राजकमल नर्सरी मध्य विद्यालय चंदौर में प्रभात खबर की टीम 11.45 बजे पहुंची. कक्षा एक से पांचवीं तक के छात्र-छात्राएं जमीन पर बैठाकर परीक्षा दे रहे थे. जबकि छठी तथा सांतवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बेंच, डेस्क पर बैठाया गया था. एक बेंच पर चार परीक्षार्थी थे. एक से लेकर सातवीं में कुल 387 परीक्षार्थी भाग लिया. विद्यालय में कुछ वर्ग का प्रश्न पत्र कम मिलने पर उसका जेरोक्स कराया गया. प्रध्यानाध्यापक कामु प्रसाद राय ने बताया : कमरों के अभाव में नीचे वर्ग के परीक्षार्थी को जमीन पर बैठाया गया है, प्रश्न पत्र कम मिलने पर असुविधा हुई है. मध्य विद्यालय भटमुड़ना में कमरों और बेंच-डेस्क की कमी के कारण बच्चों को बरामदे में बैठा कर परीक्षा ली गयी.

प्रश्न पत्र कम हुआ तो कराना पड़ा जेरोक्स

मध्य विद्यालय आसनबनी में तीसरी, चौथी व छठी कक्षा के प्रश्नपत्र सह उत्तरपुस्तिकाएं कम थी. प्रधानाध्यापक ने इसकी शिकायत संकुल साधनसेवी से की, तो उन्होंने जवाब दिया कि बीआरसी से शेष प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिकाएं ले आयें. नहीं तो जेरोक्स करा कर परीक्षाएं ले लें. प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार चौधरी ने कहा कि परीक्षा की अवधि में विद्यालय छोड़कर प्रश्न पत्र लाना संभव नहीं था. ऐसे में जेरोक्स करा कर विद्यार्थियों में वितरण कर परीक्षाएं ली गयी.

50 मिनट विलंब से हुई परीक्षा

उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेहराकुदर में परीक्षा काफी विलंब से शुरू हुई. बच्चों की उपस्थिति से कम पेपर उपलब्ध कराये जाने के कारण निर्धारित समय से 52 मिनट लेट परीक्षा शुरू हुई. प्रभारी प्रधानाध्यापक महावीर महतो ने कहा कि पेपर कम उपलब्ध कराये जाने के कारण प्रिंट कराने में विलंब होने से परीक्षा शुरू होने में देर हुई. बेंच डेस्क में कमी होने के कारण कमरे में दरी लगवाकर बच्चों की परीक्षा ली जा रही है.

गणित का नहीं मिला प्रश्न पत्र, संस्कृत की हुई परीक्षा

मध्य विद्यालय बलियापुर, उर्दू मध्य विद्यालय सिंगियाटांड़, पांडेयडीह स्कूल में शिक्षकों को ससमय गणित का प्रश्न पत्र नहीं मिलने से उर्दू व संस्कृत विषय का परीक्षा ली गयी है. शिक्षकों का कहना है कि ससमय प्रश्न पत्र नहीं मिलने के कारण दूसरी पाली में संस्कृत की परीक्षा होनी थी, उसे प्रथम पाली में ही ले लिया गया. दूसरी ओर बीपीओ राकेश कुमार प्रसाद का कहना है कि तमाम शिक्षकों को समय पर प्रश्न पत्र दे दिया गया है.

कमरों की कमी से हुई परेशानी

उत्क्रमित उच्च विद्यायल बाघमारा में कक्षा दो के छात्र जमीन पर बैठ कर परीक्षा दे रहे थे, तो क्लास रूम में एक बेंच पर चार-चार छात्र परीक्षा दे रहे थे. इस स्कूल में शिक्षक दीपक कुमार ने बताया कि रूम के कमी के कारण ये स्थिति उत्पन्न हुई है. अगर हमारे स्कूल की कमरे झारखंड आवासीय विद्यालय को नहीं दी जाती तो कमरा भी पूर्ण रहता. डेक्स ओर बेंच की बात पर उन्होंने कहा कि विभाग से इसकी मांग की गयी हैं.

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